राज्यपाल कोहली ने कहा कि राजा महाराजाओं की मातृभूमि के प्रति अप्रतिम देशभक्ति और डांग के इस ऐतिहासिक महोत्सव के कारण देश की शौर्य गाथा और आदिवासी गौरव को जानने का अवसर इससे प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कार्यप्रणाली के कारण गुजरात मे विकास को नई गति मिली है। उन्होंने कहा कि स्थानीय क्षेत्र में ही आदिवासी प्रजा को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न प्रयास हुए हैं। उन्होंने आदिवासी क्षेत्र में शिक्षा के अवसर में वृद्धि पर जोर दिया। प्राकृतिक प्रवासन स्थलों के सर्वांगीण विकास के साथ दर्शनीय यात्राधाम में आने वाले सैलानियों के लिए मूलभूत सुविधाएं की उपलब्धता पर जोर देते हुए राज्यपाल ने उम्मीद जताई कि प्राकृतिक सौन्दर्य से भरपूर यह जिला विकास की नई ऊंचाई पर पहुंचेगा।
इस मौके पर उपस्थित वन एवं आदिजाति राज्य मंत्री रमण पाटकर ने भी डांग दरबार के इतिहास और उनकी गरिमा बनाए रखने के लिए प्रशासन और राज्य सरकार की प्रशंसा की। इस दौरान उन्होंने डांग राजाओं के लिए इस ऐतिहासिक प्रणाली की सराहना की। उन्होंने सादगीपूर्ण जीवनशैली जीने वाले डांग राजा के वंशजों की परंपरा समेत कई जानकारी भी दी।
चार दिवसीय डांग दरबार आयोजित
उल्लेखनीय है कि डांग के पूर्व राजाओं को सम्मानित करने के लिए चार दिवसीय डांग दरबार का आयोजन किया गया है। राज्यपाल ने इसका उद्घाटन करते हुए डांग के पूर्व राजाओं को विशेष स्मृतिचिन्ह और सालियाणा देकर सम्मानित किया। इस मौके पर डांग राजाओं ने भी प्रजा की ओर से राज्यपाल को पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया। उद्घाटन से पूर्व परंपरा के अनुसार राजाओं की भव्य शोभायात्रा भी निकाली गई। सजी-धजी बग्घी में पूर्व राजाओं ने नगर का भ्रमण किया। इस दौरान कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों से आदिवासी संस्कृति की झलक भी लोगों को दिखाई गई। इस मौके पर विधायक मंगल गावित, प्रभारी सचिव मिलिंद तोरवणे, डांग जिला पंचायत प्रमुख बाबूराव चौर्या, कलक्टर बीके कुमार समेत कई लोग मौजूद थे।
उल्लेखनीय है कि डांग के पूर्व राजाओं को सम्मानित करने के लिए चार दिवसीय डांग दरबार का आयोजन किया गया है। राज्यपाल ने इसका उद्घाटन करते हुए डांग के पूर्व राजाओं को विशेष स्मृतिचिन्ह और सालियाणा देकर सम्मानित किया। इस मौके पर डांग राजाओं ने भी प्रजा की ओर से राज्यपाल को पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया। उद्घाटन से पूर्व परंपरा के अनुसार राजाओं की भव्य शोभायात्रा भी निकाली गई। सजी-धजी बग्घी में पूर्व राजाओं ने नगर का भ्रमण किया। इस दौरान कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों से आदिवासी संस्कृति की झलक भी लोगों को दिखाई गई। इस मौके पर विधायक मंगल गावित, प्रभारी सचिव मिलिंद तोरवणे, डांग जिला पंचायत प्रमुख बाबूराव चौर्या, कलक्टर बीके कुमार समेत कई लोग मौजूद थे।
21 लाख से ज्यादा की पेंशन वितरित
डांग दरबार के उद्घाटन के दौरान पूर्व राजाओं और परिजनों को वार्षिक पेंशन का वितरण किया गया। आहवा रंग उपवन में डांग के पांच राजाओं को 21.31 लाख की सालाना पेंशन राशि दी गई। इसमें किरण सिंह यशवंतराव पवार – गाढवी राज को 95,412, भंवरसिंह हसुसिंह- आमला (लींगा) राज को 72,036, धनराज सिंह चंद्रसिंह सूर्यवंशी – वासुर्णा राज को 58,440 , तपतराव आनंदराव पवार- दहेर राज को 64,956 तथा त्रिकमराव साहेबराव पवार- पिंपरी राज को वार्षिक 78,432 रुपए की राजनीतिक पेन्शन प्रदान की। पांच पूर्व राजाओं को कुल 3.69 लाख रुपए दिए गए। इसके उपरांत जिले के नौ नायकों और 668 परिजनों व भाईबंधुओं को वार्षिक 17 लाख, 61 हजार रुपए की वार्षिक पेन्शन दी गई।
डांग दरबार के उद्घाटन के दौरान पूर्व राजाओं और परिजनों को वार्षिक पेंशन का वितरण किया गया। आहवा रंग उपवन में डांग के पांच राजाओं को 21.31 लाख की सालाना पेंशन राशि दी गई। इसमें किरण सिंह यशवंतराव पवार – गाढवी राज को 95,412, भंवरसिंह हसुसिंह- आमला (लींगा) राज को 72,036, धनराज सिंह चंद्रसिंह सूर्यवंशी – वासुर्णा राज को 58,440 , तपतराव आनंदराव पवार- दहेर राज को 64,956 तथा त्रिकमराव साहेबराव पवार- पिंपरी राज को वार्षिक 78,432 रुपए की राजनीतिक पेन्शन प्रदान की। पांच पूर्व राजाओं को कुल 3.69 लाख रुपए दिए गए। इसके उपरांत जिले के नौ नायकों और 668 परिजनों व भाईबंधुओं को वार्षिक 17 लाख, 61 हजार रुपए की वार्षिक पेन्शन दी गई।