चिकित्सीय जानकारों की मानें तो भारत में हर पांचवां व्यक्ति दिल का मरीज है। हृदय रोगियोंको हार्ट ट्रांसप्लांट से नया जीवन दिया जा सकता है, लेकिन अंगदान के प्रति जागरुकता की कमी के कारण सैकड़ों मरीजों की मौत हो जाती है। हृदय रोग विशेषज्ञों का कहना है कि अधिक कॉलेस्ट्रॉल का सेवन हृदय रोगियों के लिए हानिकारक होता है। हृदय रोगी को नमक, मिर्च तथा तले-भुने भोजन का प्रयोग कम से कम करना चाहिए या हो सके तो नहीं करना चाहिए।
भागदौड़ और आधुनिक जीवनशैली से युवा भी इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। इसकी सबसे बड़ी वजहों में से एक तनाव भी है। हर साल 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है। नागरिकों को हृदय रोगों के प्रति जागरूक करने के लिए अस्पतालों तथा एनजीओ द्वारा स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जाता है।
उच्च श्रेणी का दान है हृदयदान
डोनेट लाइफ संस्था के प्रमुख नीलेश मांडलेवाला ने बताया कि गुजरात में सूरत हृदयदान के मामले में अव्वल है। हृदयदान को उच्च श्रेणी का दान माना जाता है। किडनी, लीवर जैसे अंगों के दान को लाइव डोनेशन कहते हैं। हृदय दान ब्रेन डेड व्यक्ति ही कर सकता है। सूरत से पश्चिम भारत के सबसे छोटी उम्र के बालक सोमनाथ सुनील शाह (१४ माह) का हृदय दान किया गया था। यह हृदय साढ़े तीन साल की बच्ची में ट्रांसप्लांट किया गया। गुजरात में छह हृदय ट्रांसप्लांट किए गए हंै और अब तक 22 हृदय दान हुए हैं। सूरत से दान किए गए 19 हृदय में से 13 मुम्बई, तीन अहमदाबाद, एक चेन्नई, एक इंदौर तथा एक नई दिल्ली में ट्रांसप्लांट किया गया।
डोनेट लाइफ संस्था के प्रमुख नीलेश मांडलेवाला ने बताया कि गुजरात में सूरत हृदयदान के मामले में अव्वल है। हृदयदान को उच्च श्रेणी का दान माना जाता है। किडनी, लीवर जैसे अंगों के दान को लाइव डोनेशन कहते हैं। हृदय दान ब्रेन डेड व्यक्ति ही कर सकता है। सूरत से पश्चिम भारत के सबसे छोटी उम्र के बालक सोमनाथ सुनील शाह (१४ माह) का हृदय दान किया गया था। यह हृदय साढ़े तीन साल की बच्ची में ट्रांसप्लांट किया गया। गुजरात में छह हृदय ट्रांसप्लांट किए गए हंै और अब तक 22 हृदय दान हुए हैं। सूरत से दान किए गए 19 हृदय में से 13 मुम्बई, तीन अहमदाबाद, एक चेन्नई, एक इंदौर तथा एक नई दिल्ली में ट्रांसप्लांट किया गया।
मिथकों को दूर करना जरुरी
हृदय विशेषज्ञों का कहना है कि उन्हें हृदय रोगियों का उपचार करते समय कई मिथकों को भी दूर करना पड़ता है। लोगों में आम धारणा है कि हर तरह का व्यायाम हृदय के लिए लाभकारी होता है। इसी तरह अधिकांश लोग सोचते हैं कि महिलाओं में दिल की बीमारी का खतरा कम होता है। इन मिथकों को तोडक़र सही तथ्य स्पष्ट करने से रोगियों के हृदय को लंबे समय तक स्वस्थ रखा जा सकता है।
हृदय विशेषज्ञों का कहना है कि उन्हें हृदय रोगियों का उपचार करते समय कई मिथकों को भी दूर करना पड़ता है। लोगों में आम धारणा है कि हर तरह का व्यायाम हृदय के लिए लाभकारी होता है। इसी तरह अधिकांश लोग सोचते हैं कि महिलाओं में दिल की बीमारी का खतरा कम होता है। इन मिथकों को तोडक़र सही तथ्य स्पष्ट करने से रोगियों के हृदय को लंबे समय तक स्वस्थ रखा जा सकता है।
दिल को स्वस्थ रखने के लिए…
– थोड़ा समय व्यायाम के लिए निकालें। – प्रतिदिन कम से कम आधे घंटे व्यायाम करना हृदय के लिए लाभदायक होता है। – समय की कमी है तो टहल सकते हैं।
– थोड़ा समय व्यायाम के लिए निकालें। – प्रतिदिन कम से कम आधे घंटे व्यायाम करना हृदय के लिए लाभदायक होता है। – समय की कमी है तो टहल सकते हैं।
– सेहत के अनुरूप आहार लें। – नमक का कम मात्रा में सेवन करें। – कम वसा वाले आहार लें। – ताजी सब्जियां और फल लें। – समय पर नाश्ता और लंच करें।
– तंबाकू-गुटखे से दूर रहें।