क्राइम ब्रांच पुलिस के मुताबिक पकड़े गए अभियुक्तों में पश्चिम बंगाल (West bengal) जलपाईगुडी निवासी सिन्टू राज ग्वाला (36) और चंदन मुखलाल ग्वाला (46) शामिल हंै। 3 दिसम्बर को कापोद्रा की ममतापार्क सोसायटी निवासी रणछोड़ लाखाणी के हाथों से दो लाख रुपए के गहने भरी थैली छीन कर भागने का मामला सामने आने के बाद से क्राइम ब्रांच पुलिस जांच में जुटी थी। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर अभियुक्त जिस मोटरसाइकिल पर आए थे, वह पश्चिम बंगाल की होने का खुलासा होने के बाद पुलिस ने उस दिशा में जांच शुरू की थी। इस दौरान सोमवार को क्राइम ब्रांच पुलिस को सूचना मिली कि पश्चिम बंगाल की ग्वाला गैंग के दो सदस्य वारदात को अंजाम देने सूरत में आए हैं। सूचना के आधार पर पुलिस ने सरथाणा कैनाल रोड पोद्दार स्कूल के पास दबिश देकर दोनों को धर दबोचा। तलाशी लेने पर उनके पास से 6.02 लाख रुपए के सोने-चांदी के गहने, नकद 40 हजार तथा 13 मोबाइल फोन बरामद हुए। पुलिस ने एक मोटरसाइकिल भी उनके पास से जब्त की। पुलिस ने बताया कि 3 दिसम्बर को दोनों ने ही कापोद्रा में वारदात को अंजाम दिया था। इसके अलावा लालगेट तथा अहमदाबाद में दर्ज चोरी के चार और पश्चिम बंगाल में दर्ज एक चोरी की वारदात भी सुलझ गई है। अभियुक्तों ने पूछताछ में पटना में 4, कोलकाता में 2, वाराणसी में 2, असम में 6, गुजरात में 15, दमण में 1 मिलाकर 30 वारदातों को अंजाम देना कबूला है। इससे पहले दोनों असम पुलिस के हाथों पकड़े जा चुके हैं और अब तक 150 वारदातों को अंजाम दे चुके हंै। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर जांच शुरू कर दी है।
पश्चिम बंगाल से मोटरसाइकिल लेकर निकलते थे
पुलिस ने बताया कि पश्चिम बंगाल की ग्वाला गैंग चोरी करने के लिए कुख्यात है। गैंग के सदस्य मोटरसाइकिल लेकर बिहार आते हैं और यहां से ट्रेन में मोटरसाइकिल पार्सल में भेजकर देश के विभिन्न राज्यों में पहुंचते हैं। इसके बाद अलग-अलग शहरों में बैंक और लॉकरों के बाहर निगरानी रखते हैं और कोई व्यक्ति बड़ी राशि लेकर निकले तो उसका पीछा कर उससे रुपए भरा बैग छीन लेते और चार से पांच वारदातों को अंजाम देकर पश्चिम बंगाल लौट जाते हैं। दोनों अभियुक्त भी बिहार से ट्रेन के जरिए गुजरात आए थे और सूरत में वारदात को अंजाम देने के बाद अहमदाबाद गए थे और यहां पर वारदातों को अंजाम देने के बाद सोमवार को दोबारा सूरत आए थे।