https://www.patrika.com/rewa-news/black-marketing-of-railway-e-ticket-2825669/ साफ्टवेयर इंजीनियर अमित प्रजापति इ-टिकट का गोरखधंधा कर रहा था
रेलवे सुरक्षा बल के अनुसार अंकलेश्वर निवासी साफ्टवेयर इंजीनियर अमित प्रजापति (34) आइआरसीटीसी की साइट पर 50568 यूजर आइडी बनाकर इ-टिकट का गोरखधंधा कर रहा था। अमित ने आरपीएफ को बताया कि वह हवाला के जरिए रुपए लेता था। आरपीएफ आइआरटीसी के पास से पीएनआर डेटा को एकत्र कर रही है। 7.97 करोड़ रुपए के जब्त इ-टिकटों में से कई टिकटों का उपयोग हो चुका है, जबकि उपयोग नहीं हो पाई 8569 इ-टिकटों को जब्त कर लिया गया है। इनका मूल्य 2.59 करोड़ रुपए आंका गया। आरपीएफ ने साफ्टवेयर इंजीनियर के पास से कुल 29227 इ-टिकट जब्त किए हैं। इ-टिकट के राष्ट्रीय नेटवर्क में और कौन-कौन लोग शामिल हैं, इसकी विवेचना आरपीएफ कर रही है।
रेलवे सुरक्षा बल के अनुसार अंकलेश्वर निवासी साफ्टवेयर इंजीनियर अमित प्रजापति (34) आइआरसीटीसी की साइट पर 50568 यूजर आइडी बनाकर इ-टिकट का गोरखधंधा कर रहा था। अमित ने आरपीएफ को बताया कि वह हवाला के जरिए रुपए लेता था। आरपीएफ आइआरटीसी के पास से पीएनआर डेटा को एकत्र कर रही है। 7.97 करोड़ रुपए के जब्त इ-टिकटों में से कई टिकटों का उपयोग हो चुका है, जबकि उपयोग नहीं हो पाई 8569 इ-टिकटों को जब्त कर लिया गया है। इनका मूल्य 2.59 करोड़ रुपए आंका गया। आरपीएफ ने साफ्टवेयर इंजीनियर के पास से कुल 29227 इ-टिकट जब्त किए हैं। इ-टिकट के राष्ट्रीय नेटवर्क में और कौन-कौन लोग शामिल हैं, इसकी विवेचना आरपीएफ कर रही है।
हग मैक सॉफ्टवेयर के जरिए बनाए टिकट
ग्रीष्मावकाश के दौरान इ-टिकट एजेंटों ने अलग-अलग जगहों से लाखों यात्रियों के इ टिकट इस सॉफ्टवेयर की सहायता से बुक किए थे। एक वरिष्ठ रेलवे अधिकारी ने बताया कि हमें एक एजेंट के संदिग्ध आइपी एड्रेस के बारे में टिप मिली, जिसके माध्यम से विभिन्न लंबी दूरी की ट्रेनों में आरक्षित कन्फर्म टिकटों की बुकिंग की गई थी। अमित प्रजापति (34) के पास हग मैक सॉफ्टवेयर का सिर्फ बीस दिन का रिकार्ड बैकअप से मिल सका है। इसमें करीब 55 हजार से अधिक यूजर आइडी मिली हैं, जो अलग-अलग व्यक्तियों के नाम से पर्सनल आइडी बनाकर लाखों यात्रियों की टिकटें बुक कर रहे थे।
ग्रीष्मावकाश के दौरान इ-टिकट एजेंटों ने अलग-अलग जगहों से लाखों यात्रियों के इ टिकट इस सॉफ्टवेयर की सहायता से बुक किए थे। एक वरिष्ठ रेलवे अधिकारी ने बताया कि हमें एक एजेंट के संदिग्ध आइपी एड्रेस के बारे में टिप मिली, जिसके माध्यम से विभिन्न लंबी दूरी की ट्रेनों में आरक्षित कन्फर्म टिकटों की बुकिंग की गई थी। अमित प्रजापति (34) के पास हग मैक सॉफ्टवेयर का सिर्फ बीस दिन का रिकार्ड बैकअप से मिल सका है। इसमें करीब 55 हजार से अधिक यूजर आइडी मिली हैं, जो अलग-अलग व्यक्तियों के नाम से पर्सनल आइडी बनाकर लाखों यात्रियों की टिकटें बुक कर रहे थे।
सुपर सेलर इरफान को रिमांड पर लिया सॉफ्टवेयर को प्रोपराइटर, एडमिन कम प्रोग्रामर, एडमिन, सुपर सेलर, सेलर और आईडी प्रोवाइडर मतलब इ टिकट एजेंट के तरीके से तैयार किया गया है। रेलवे सुरक्षा बल ने सुपर सेलर इरफान को बुधवार शाम को कोर्ट में पेश करके रिमांड पर लिया है। सॉफ्टवेयर को बनाने वाले प्रोपराइटर अमीन कागजी की तलाश की जा रही है।
यात्रियों के सफर पर संकट
इस बीच लाइव टिकटों के रद्द होने से ग्रीष्मावकाश के दौरान ई टिकट एजेंटों से बुक करने वाले यात्रियों के सफर पर संकट छा गया है।
यात्रियों के सफर पर संकट
इस बीच लाइव टिकटों के रद्द होने से ग्रीष्मावकाश के दौरान ई टिकट एजेंटों से बुक करने वाले यात्रियों के सफर पर संकट छा गया है।