VOICE AGAINST SYSTEM
– कांस्टेबल सुनीता यादव ने फिर सिस्टम पर उठाया सवाल…
– पांच हजार राखियां लेकर जैसलमेर में बीएसएफ कैम्प पहुंची
– Constable Sunita Yadav again raised questions on the system …
– Reached BSF camp in Jaisalmer with five thousand Rakhis
‘नेता रैली निकाल लेते हैं और देश के रक्षक राखी भी नहीं बंधवा सकते’
सूरत. महिला लोक रक्षक (कांस्टेबल) सुनीता यादव (Constable Sunita Yadav) ने एक बार फिर सोशल मीडिया पर लाइव होकर सिस्टम पर सवाल उठाया। उसने कहा कि देश के नेता कोरोना काल में रैलियां तक निकाल लेते हैं, लेकिन हमारे देश के रक्षक बहनों से राखी भी नहीं बंधवा सकते हैं।
READ MORE : LADY LR : कारगिल विजय दिवस पर सुनीता यादव का कानून व्यवस्था पर वार आखिर ऐसा क्यों हैं? क्या सारे नियम देश के इन रक्षकों के लिए ही हैं, बाकी लोगों के लिए नहीं हैं? बुधवार सुबह राजस्थान (rajasthan) के जैसलमेर से फेसबुक पर लाइव (fb live) हुई सुनीता ने बताया कि इस बार मैंने अपने भाइयों के बदले मेरी दूसरी माता यानी भारत माता के पुत्रों के साथ राखी मनाने का निश्चय किया।
READ MORE : LADY CONSTABLE : “अगर वहां एफओपी नहीं होता तो निर्भया-2 हो जाता” : सुनीता यादव मैं अपने वीर जवान भाइयों को राखी बांधना चाहती थी, लेकिन मुझसे कहा गया कि कोविड-19 गाइडलाइन के चलते मैं अंदर प्रवेश कर राखी नहीं बांध सकती। यदि मैं राखियां वहां छोड़ दूं तो वे 24 घंटे बाद राखियां ले लेंगे, लेकिन मैं किसी एक जवान को अपने हाथ से राखी बांधना चाहती थी।
मैं रात में जैसलमेर के होटल में रुकी। अगले दिन फिर गई तो मुझे इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों से अनुमति लेने के लिए कहा गया। बुधवार को मैं फिर आई हूं और यहीं से लाइव होकर अपनी आवाज जिम्मेदार लोगों तक पहुंचाना चाहती हूं। कैम्प में रहने वाले हमारे जवानों को कोरोना के चलते फिलहाल छुट्टियां नहीं मिल रही हैं।
वे अपनी बहनों से राखी नहीं बंधवा पा रहे हैं, कोई त्यौहार नहीं मना पा रहे हैं। जबकि सूरत समेत बाकी जगह क्या हो रहा है, आप जानते हैं। मुझे उनसे लेना- देना भी नहीं है।
क्या है मामला सुनीता का : गौरतलब हैं कि गत 8 जुलाई को वराछा में ड्यूटी के दौरान लोक रक्षक सुनीता यादव (Constable Sunita Yadav) ने कर्फ्यू भंग के आरोप में कुछ युवकों को रोका था। उन्हें बचाने के लिए स्वास्थ्य मंत्री कुमार कनानी ( minister of gujarat kumar kananai) का पुत्र प्रकाश पिता की कार लेकर आए थे।
दोनों के बीच तकरार हुई थी। उसके बाद सुनीता की अपने उपरी अधिकारियों और मंत्री कुमार कानाणी ( kumar kananai) से भी बातचीत हुई थी। जिसके ऑडियो- वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गए थे। देशभर में सुनीता को समर्थन मिला था।
इस मामले में प्रकाश की गिरफ्तारी हुई थी। वहीं सुनीता के खिलाफ अनुशासन भंग और दुर्व्यवहार की शिकायतों को लेकर विभागीय जांच शुरू की थी। यहां मास्क की जरुरत नहीं : सुनीता ने अपने वीडियो में एक बार फिर विवादित बयान दिया। उसने कहा कि जैसलमेर में जबरदस्त गर्मी हैं। यहां कोरोना तो क्या कोई भी बीमारी कुछ नहीं बिगाड़ सकती। इसलिए यहां ज्यादातर लोग मास्क नहीं पहनते हैं, जरूरत ही नहीं हैं। हालांकि सेना के जवान व सिस्टम से जुड़े लोग तो पहनते हैं।