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एक कागज मिलने से खुश हो गए सूरत के व्यापारी, अब नहीं होगी दिक्कत

locationसूरतPublished: Apr 16, 2018 09:50:08 pm

Submitted by:

Pradeep Mishra

इ-वे बिल के नियम को लिखित में लिया

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सूरत

केन्द्र सरकार की ओर से एक अप्रेल से लागू इ-वे बिल के नियम के अनुसार पचास हजार रुपए से कम के माल के लिए इ-वे बिल अनिवार्य नहीं है। इसके बावजूद कई ट्रांसपोर्टर्स परेशान कर रहे होने की व्यापारियों की शिकायत पर फोस्टा ने जीएसटी विभाग से इस नियम को लिखित में मांगा था, जो कि जीएसटी विभाग ने सोमवार को दे दिया।
व्यापारियों का आरोप है कि केन्द्र सरकार के नियम के अनुसार पचास हजार रुपए से कम के माल को अन्य राज्य में भेजने के लिए इ-वे बिल आवश्यक नहीं है, लेकिन कुछ ट्रांसपोर्टर्स जान-बूझकर व्यापारियों को परेशान करने के लिए इ-वे बिल मांगते हैं और नहीं होने पर बुकिंग नहीं लेते। इन दिनों लग्नसरा की खरीद चल रही है, लेकिन ट्रांसपोर्टर्स के ऐसे रवैये के कारण व्यापार चौपट हो रहा है। ट्रांसपोर्टर्स और व्यापारियों के बीच चल रही इस समस्या के बारे में व्यापारियों ने जीएसटी विभाग में शिकायत की थी, और उनसे इ-वे बिल का नियम हिन्दी में लिखित में मांगा था। सोमवार को जीएसटी विभाग ने इसे लिखित में दे दिया। अब व्यापारी इस नियम की कॉपी के साथ अपने पार्सल ट्रांसपोर्ट में भेजेंगे और अन्य राज्य में पार्सल के साथ भी यह कॉपी भेजी जाएगी। यदि अन्य राज्यों के कोई अधिकारी जांच के दौरान परेशान करेंगे तो उन्हें यह कॉपी दिखाई जाएगी।
उल्लेखनीय है कि पहले जब अन्य राज्यों में अधिकारी जांच करते थे, तो भी उन्हें पचास हजार रुपए से कम के माल पर इ-वे बिल अनिवार्य नहीं यह नियम तो पता था, लेकिन वह नए-नए कारणों से दंड वसूलते थे। अब सूरत के व्यापारी जीएसटी विभाग से मिली कॉपी के साथ माल भेजेंगे। ऐसे में वहां के अधिकारी इसे मान्य करते हैं या और कोई बहाना बनाते हैं यह संशय बना हुआ है।
फ योजना में उद्यमियों की समस्या जानने के लिए कमेटी गठित

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केन्द्र सरकार की ओर से टैक्सटाइल मशीनों के अपग्रेडेशन के लिए शुरू की गई टैक्सटाइल अपग्रेडेशन फंड योजना का लाभ लेने में वीवर्स को हो रही समस्या जानने के लिए टफ एडवाइजरी कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी में सिन्थेटिक रेयोन टैक्सटाइल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के सदस्य भी होंगे।
केन्द्र सरकार ने टैक्सटाइल इंडस्ट्री के अपग्रेडेशन के लिए टफ योजना शुरू की है, लेकिन कई कारणों से उद्यमियों को इस योजना के अंतर्गत सब्सिडी का लाभ लेने में दिक्कत आ रही है। सूरत के उद्यमियों की 300 अर्जियों पर भी अभी तक निर्णय नहीं हो सका है। इसके अलावा केन्द्र सरकार ने वर्ष 2017 से ए-टफ नाम की योजना शुरू की थी। पिछली टफ योजना के साथ कुल मिलाकर अब तक 1800 अर्जियां पेन्डिंग हैं। इनके निस्तारण के लिए टफ एडवाइडजरी कमेटी का गठन किया गया है। इसमें 11 कमेटी मेम्बर और 14 सदस्यों का टास्क फोर्स होगा, जिसमें सिन्थेटिक रेयोन टैक्सटाइल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के सदस्य भी शामिल होंगे। यह कमेटी टफ योजना से जुड़ी तमाम समस्याओं के बारे में वस्त्र मंत्रालय को सूचित करेगा।
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