दक्षिण गुजरात के सबसे बड़े सरकारी न्यू सिविल अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में इमरजेंसी में आने वाले मरीजों के साथ इलाज में देरी और भर्ती नहीं करने पर अस्पताल प्रशासन गंभीर नहीं है। जबकि गंभीर मरीजों को प्राथमिक उपचार के बाद एक घंटे के अंदर वार्ड में भर्ती करने के निर्देश हैं। लेकिन रेजिडेंट डॉक्टरों के बीच आपसी खींचतान के कारण वे मरीज को भर्ती नहीं करते और मरीज परेशान होता रहता है।
यह है मामला सूत्रों के मुताबिक, सैयदपुरा श्रावक शेरी निवासी दिनेशचन्द्र पटेल (77) बुधवार दोपहर में घर से बाहर निकले थे, तभी रास्ते में चक्कर खाकर गिर गए। उनको 108 एम्बुलेंस में न्यू सिविल अस्पताल लाया गया। ट्रॉमा सेंटर में दोपहर एक बजे पहुंचने के बाद उसे सर्जरी, मेडिसिन और ऑर्थोपेडिक विभाग में रेफर किया गया, लेकिन इन तीनों विभाग के रेजिडेंट ने केस पेपर पर अपनी फाइडिंग लिखकर छोड़ दी। मरीजों को यहां से वहां घुमाने से परिजन परेशान हो गए और रात 8 बजे उन्होंने समाज के लोगों से सम्पर्क किया। इसमें से उन्हें राज्य स्वास्थ्य मंत्री किशोर कानाणी को पूरी घटना बताई।
इसके बाद किशोर कानाणी ने अस्पताल के अधिकारियों को फोन कर मरीज का इलाज करने का कहा। तब अस्पताल प्रशासन हरकत में आया और सीएमओ को सूचना देकर मरीज को भर्ती किया गया। परिजनों ने बताया कि दिनेशचन्द्र घर में अकेले रहते हैं। उनके जमाई और बेटी अस्पताल में देखभाल के लिए साथ आए थे। डॉक्टरों के परेशान करने के कारण उन्होंने किशोर कानाणी का नम्बर खोजकर सम्पर्क किया तो मदद मिल गई, वरना गरीब और कम पढ़े लिखे लोगों के तो क्या हाल होते इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
छवि खराब करने वाले जूनियर डॉक्टरों पर कार्रवाई कब ? ट्रॉमा सेंटर में जूनियर रेजिडेंट प्रथम वर्ष के डॉक्टर नियुक्त होने के चलते मरीज को भर्ती नहीं किया जाता है। सीनियर डॉक्टर को बिना बताए रेजिडेंट (प्रथम वर्ष) मरीज को भर्ती नहीं करते हैं। इससे इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को घंटों भर्ती होने के लिए इंतजार करना पड़ता है। वहीं, अस्पताल की छवि खराब करने वाले जूनियर डॉक्टरों के खिलाफ उनके विभाग या अस्पताल प्रशासन द्वारा कार्रवाई नहीं की जाती है। ट्रॉमा सेंटर के मरीजों को एक घंटे में भर्ती करने की जिम्मेदारी सीएमओ की है, लेकिन नए सीएमओ और रेजिडेंट के बीच भी भर्ती करने पर बहस होती रहती है। इसके बावजूद अस्पताल प्रशासन की ओर से अब तक ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।