कहा जा रहा है कि बिलीमोरा जलापूर्ति विभाग के अनुसार पाटी काकड़वेरी पानी योजना पौने तीन करोड़ की लागत से बनी थी, जिसमें 12 साल से पानी दिया जा रहा है, लेकिन कहीं न कहीं पाइप टूटने से पानी नहीं पहुंचता। हालांकि इन दिनों सभी गांवों की मुख्य पानी टंकी तक पानी पहुंचने की जानकारी दी गई है। बताया गया है कि पाटी गांव में गत जुलाई का बकाया पानी बिल 3440 रुपए है, लेकिन कई साल का बकाया 5,67,786 रुपए मिलाकर कुल 5,71,225 रुपए का बिल दिया गया है। जबकि जामनपाड़ा गांव में 1.60 लाख का बिल दिया गया है। इस बिल में पानी का उपयोग कितना हुआ, यह नहीं बताया गया है।
जामनपाड़ा के सरपंच डॉ. अमित पटेल के अनुसार उन्हें 1,60236 रुपए का बिल मिला है जबकि गांव में न पाइप है और न टंकी में पानी आता है। उन्होंने इसे 2007 का बिल बताते हुए इसे भरने से मना किया। जबकि खेरगाम तालुका पंचायत अध्यक्ष संगीता नायर ने छह गांवों के लिए बनी इस योजना में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि इसके खिलाफ जरूरत पड़ी तो आंदोलन भी करेंगी।
पाटी गांव के अग्रणी नरेन्द्र पटेल के अनुसार तान नदी पर बनी योजना के अंतर्गत गांव में पानी पहुंचाने की व्यवस्था नहीं है, जिससे नदी के पास स्थित दिग्धा फलिया में भी पानी नहीं पहुंचता। सभी छह गांव तक पानी पहुंचाने की उचित व्यवस्था होनी चाहिए।
पाटी काकड़वेरी पानी योजना के तहत गांवों की मुख्य टंकी तक पानी पहुंचता है। वहां से गांव में पानी पहुंचाने की व्यवस्था पंचायत के जिम्मे है। सभी गांवों में पर्याप्त पानी मिल रहा है। जो बिल दिया गया है वह ग्राम पंचायतों को चुकाना होता है। इसमें दो रुपए प्रति एक हजार लीटर के अनुसार बिल दिया जाता है। यदि समय पर पंचायतों ने बिल भरा होता तो इतना बकाया नहीं होता।
आरएस भूसारा, उप कार्यपालक अभियंता, जलापूर्ति विभाग बिलीमोरा