रसोई गैस से सबसिडी खत्म करने के साथ ही सिलेंडर के दाम भी लगातार बढ़ रहे हैं। वहीं पेट्रोल - डीजल के दाम में वृद्धि से ट्रांसपोर्टेशन खर्च बढ़ा तो सब्जी और अनाज के दाम भी बढ़े हैं। खाद्य तेल का 15 किलो का डिब्बा जहां 1500 से 1600 रुपए तक मिलता था अब सीधे 2700 रुपए से अधिक में मिल रहा है। सबकुछ महंगा होने से रेस्टोरेंट के संचालकों ने भी लिमिटेड थाली के साथ ही सभी व्यंजन के दाम में 20 से 30 रुपए की बढ़ोतरी की है। उधना के रेस्टोरेंट के संचालक प्रतिन कुमार ने बताया कि तेल से लेकर रसोई गैस के दाम बढ़ने के बाद थाली के दाम बढ़ाने के सिवा उनके पास भी कोई चारा नहीं था। पहले रेस्टोरेंट में लिमिटेड थाली 60 से 80 रुपए में मिलती थी, लेकिन अब 80 से 100 रुपए कर दिए हैं। वहीं, अन्य व्यंजन के दाम में भी 30 रुपए तक की वृद्धि की गई है।
रोजाना होटल में खाने वालों की जेब पर मार शहर में कई ऐसे लोग है जो रोजगार या शिक्षा के लिए अकेले रहते हैं। वे सुबह शाम होटल - रेस्टोरेंट में खाना खाते हैं। ऐसे लोगों का खाने का बजट 500 से 700 रुपए तक बढ़ गया है। वहीं कई लोग लॉरी पर मिलने वाली सब्जी रोटी से अपना गुजारा चलाते है, लेकिन यहां पर भी जो रोटी पहले 5 से 7 रुपए में मिलती थी उसके अब दस रुपए हो गए है। सब्जी की प्लेट में भी 10 से 15 रुपए की बढ़ोतरी हुई है।
केटरर्स ने भी बढ़ाए दाम शादी समेत विभिन्न समारोह का आयोजन भी महंगा हो गया है। क्योंकि रसोई गैस और तेल समेत सभी तरह की चीजों की कीमत बढ़ने से केटरर्स ने भी थाली के दाम बढ़ा दिए है। केटरिंग के व्यवसाय से जुड़े प्रमोद शुक्ला ने बताया कि समारोह में गुजराती थाली के पहले प्रति थाली 90 से 120 रुपए थे, जो अब 110 से 150 कर दिए गए हैं। वहीं, नमकीन तथा पंजाबी सब्जी वाली थाली पहले 140 से 160 रुपए थी, वह अब 170 से 200 रुपए कर दी गई है। यानी इसका बोझ भी सीधे आम आदमी की जेब पर पड़ रहा है।