उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि आदिवासी समाज भगवान राम के समय भी था, लेकिन इसका उद्धार कांग्रेस की सरकारों ने कभी नहीं किया। आदिवासियों के लिए अलग से मंत्रालय बनाने एवं बजट का प्रावधान भाजपा सरकार ने किया। आजादी की लड़ाई लडऩे वाले वीर आदिवासियों का प्रत्येक राज्य में म्यूजियम बनेगा।
उन्होंने कहा कि यह चुनाव विकास के मुद्दे पर लड़ा जा रहा है। गुजरात सरदार पटेल एवं गांधी का है। यहां तूफान आने की बात होती है, लेकिन आता नहीं है। उन्होने तंज कसते हुए कहा कि भीषण गर्मी में कोई भी कुल्लू मनाली, श्रीनगर और स्विट्जरलैंड घूमने चला जाता, लेकिन वह आदिवासी इलाके में घूमते रहे।
मोदी ने कहा कि कांग्रेस आरोप लगाती है कि मोदी अमीरों के लिए काम करते हैं। उन्होंने पूछा कि देडिय़ापाड़ा में कितने अमीर लोग हैं। जब उन्होंने यहां समय व्यतीत किया था तो क्या अमीरों के लिए आए थे या गरीबों के लिए? राहुल गांधी का नाम लिए बगैर उन्होंने वामन अवतार का उदाहरण देते हुए कहा कि जितना आंकड़ा बताया जा रहा है कि मोदी ने उद्योगपतियों को जमीन दी, वह तीन पृथ्वी बराबर जमीन को मिला दें, उतनी होती है।
ढाई घंटे की देरी से आए
सभा में नरेन्द्र मोदी निर्धारित समय से करीब ढाई घंटे देरी से साढ़े चार बजे पहुंचे। उन्होंने पच्चीस मिनट भाषण दिया तथा लोगों से खराब मौसम का हवाला देकर जल्दी जाने की बात कही। उनके आते ही मोदी-मोदी के नारे गूंजने लगे। उन्होंने कहा कि आज तो नेत्रंग ने कमाल कर दिया। मोदी ने खराब मौसम के बाद भी भारी संख्या में आए लोगों का आभार जताया तथा आशीर्वाद की कामना की।
भाजपा नेताओं से चर्चा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सभा समाप्त करने के बाद कुछ देर स्टेज के पीछे भाजपा के नेताओं से चर्चा की। इस अवसर पर वन मंत्री और मांगरोल के प्रत्याशी गणपत वसावा, मांडवी के प्रत्याशी प्रवीण चौधरी, देडिय़ापाड़ा के प्रत्याशी मोती सिंह वसावा, नांदोद के प्रत्याशी शब्दशरण तड़वी और झगडिय़ा के प्रत्याशी रवजी वसावा मौजूद थे।
खराब मौसम में भी डटे
प्रधानमंत्री की सभा में आए लोग खराब मौसम के बाद भी डटे रहे। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए भाजपा द्वारा नेत्रंग, देडिय़ापाड़ा और वालिया से लोगों को सभा स्थल पर लाया गया। सुबह से ही नेत्रंग और आसपास के इलाके में मौसम खराब था। हल्की बंूदाबांदी और खराब मौसम के बीच लोग प्रधानमंत्री को सुनने के लिए बैठे रहे।