पुलिस के मुताबिक लूट की साजिश भटार रोड रूपाली को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी निवासी दुष्यंत पाठक ने रची थी। मनी ट्रांसफर एजेन्ट के तौर पर काम करने वाला दुष्यंत अपने डिस्ट्रीब्यूटर पीडि़त नैनेश सादड़ीवाला को जानता था। उसे पता था कि नैनेश सोसियो सर्कल स्थित आशीर्वाद स्केवर में श्री साईं एजेन्सी स्थित अपने कार्यालय से प्रतिदिन शाम तीन से साढ़े तीन बजे के बीज बड़ी मात्रा में कैश जमा करवाने के लिए बैंक जाता था।
उसने इस साजिश में अपने मित्र कापडिय़ा हेल्थ कल्ब के निकट रहने वाले नरेन्द्र उर्फ विपुल जाधव व अपने परिचित नंदन को भी शामिल किया। दुष्यंत व नंदन ने दो तीन दिनों तक नैनेश की रेकी की। उसके बाद मंगलवार दोपहर लूट का साजिश को अंजाम दिया। मंगलवार को जब नैनेश मोटरसाइकिल पर रूपए जमा करवाने के लिए निकला तो उन्होंने मोटरसाइकिल से उसका पीछा किया।
यूनिक हॉस्पिटल से रूपाली की ओर जाने वाले रास्ते पर नंदन ने नैनेश के कंधे से झूल रहा बैग अचानक छीन लिया। जिससे उसका संतुलन बिगड़ गया और मोटरसाइकिल स्लीप हो गई। नैनेश घीसटते हुए दूर जा गिरा। इस बीच वे बैग लेकर रूपाली नहर की ओर भाग निकले। फिर अलग अलग रास्तों से होते हुए नवसारी बोरीयाव टोलनाका पर पहुंचे। वहां पर दोनों ने रुपए आधे आधे हिस्से में बांट लिए और मोटरसाइकिल उपलब्ध करवाने के लिए नरेन्द्र जाधव को उसके हिस्से के 80 हजार रुपए दे दिए। वहां से सभी अलग अलग हो गए।
घटना के बाद खटोदरा पुलिस के साथ क्राइम ब्रांच भी जांच में जुट गई। क्राइम ब्रांच ने ह्युमन और इलेक्ट्रोनिक सर्वेलंस के आधार पर पहले दुष्यंत और फिर मोटरसाइकिल के मालिक विपुल जाधव को पकड़ा। उनके कब्जे से 6.57 लाख रुपए नकद बरामद किए। पूछताछ में उन्होंने साजिश का राज खोल दिया। दुष्यंत ने बताया कि उस पर काफी कर्ज हो गया था। इसलिए उसने लूट की साजिश रची। उसके फरार साथी नंदन का कोई सुराग नहीं मिला है उसकी खोजबीन जारी है।
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