विवाद में लटका रहा रिपेयरिंग काम बताया जा रहा है कि नीता एस्टेट के मालिकों ने इमारत का अलग-अलग हिस्सा किराए पर दिया था। किराएदार यहां पर लूम्स तथा एम्ब्रॉयडरी और जरी का कारखाना चलाते थे। इमारत जर्जर होने पर किराएदारों ने मकान मालिक को इमारत रिपेयर कराने अथवा अपने खर्च से रिपेयर करने के लिए मंजूरी देने की मांग की थी, लेकिन मालिकों ने किराएदारों की बात नहीं मानी। किराएदारों ने अधिवक्ता के जरिए मालिकों और मनपा के अधिकारियों को नोटिस भेज कर हादसे की आशंका जताई थी। इसके बाजवूद इमारत को रिपेयर नहीं किया गया और शनिवार को इमारत का स्लैब गिर गया।
बचे हिस्से को खाली करवाया
हादसे के बाद मौके पर पहुंचे मनपा अधिकारियों ने इमारत के बचे जर्जर हिस्से को भी खाली करवा दिया। यहां पर कुछ लोग भी रहते थे, उन्हें बाहर निकालकर उनका घर का सारा सामान भी बाहर निकलवाया और इमारत का कब्जा लेकर उस पूरी तरह ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी।
कतारगाम जोन के कार्यपालक इंजीनियर आर.वी.गामीत ने बताया कि सर्वे के दौरान इमारत जर्जर पाई गई थी। अप्रेल, 2019 में मालिकों को नोटिस देकर स्ट्रक्चर स्टेबिलिटी रिपोर्ट पेश करने के साथ ही रिपेयरिंग के लिए कहा गया था। इसके बावजूद उनकी ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद 7 जनवरी को नोटिस देकर इमारत को पन्द्रह दिन में खाली करने के लिए कहा था। इस बीच शनिवार को हादसा हो गया।