पश्चिम रेलवे में ट्रेनों के अपग्रेडेशन पर तेजी से काम किया जा रहा है। सूरत-मुजफ्फरपुर एक्सप्रेस तथा सूरत-महुआ एक्सप्रेस को हाल ही सूरत कोच केयर सेंटर द्वारा अपग्रेड उत्कृष्ट रैक से बदला गया है। मुम्बई और अहमदाबाद के बीच चलने वाली १२९३३/१२९३४ कर्णावती एक्सप्रेस में नए एलएचबी कोच लगाए गए हैं। एलएचबी कोच लगने से एक डिब्बे में चार सीटें कम हो गई हंै। कंप्यूटरकृत आरक्षण सिस्टम में अपग्रेडेशन नहीं होने से टीटीइ के चार्ट में चार सीटें डेमेज बताई जाती हैं। यात्री टीटीइ से अपनी सीट के बारे में पूछता है तो वह जानकारी देने में असमर्थ रहता है।
आरक्षण फॉर्म में मोबाइल नंबर देने वाले यात्रियों को तो मैसेज के जरिए सीट की सूचना मिल जाती है, लेकिन मोबाइल नम्बर नहीं देने वालों के लिए सीट तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है। जेडआरयूसीसी सदस्य राकेश शाह ने बताया कि डी-एक कोच में सीट नं. १०३, १०४, १०५, १०६ के यात्रियों को डी-3 कोच में सीट नं. २६, २७, २९, २९, डी-3 कोच में सीट नं. १०३, १०४, १०५, १०६ के यात्रियों को डी-3 कोच में सीट नं. ३१, ३२, ३३, ३५, डी-9 कोच में सीट नं. १०३, १०४, १०५, १०६ के यात्रियों को डी-एक कोच में ८, ११, २३, ३२ नंबर की सीट पर जाना होता है।
कर्णावती एक्सप्रेस में एलएचबी कोच लगाने के बाद 10२ यात्रियों को चार के बजाए दो शौचालयों की सुविधा मिलती है। रोजाना सुबह और शाम चलने वाली इस ट्रेन में कई बार इतनी भीड़ होती है कि पैसेज से चलकर शौचालय तक पहुंचने में काफी दिक्कत होती है। महिलाओं, बच्चों, वरिष्ठ नागरिकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस ट्रेन के छह कोच में टीटीइ मौजूद नहीं रहता। दो टीटीइ द्वितीय श्रेणी के 12 डिब्बों में कार्य करते हैं।
बार-बार होती है चेन पुलिंग
एलएचबी कोच में चेन पुलिंग का सिस्टम गलत जगह फिट किया गया है। भीड़-भाड़ में धक्का लगने से भी चेन पुलिंग हो जाती है और ट्रेन रुक जाती है। पहले सीएनडब्लू विभाग का एक कर्मचारी ट्रेन में तैनात रहता था, लेकिन अब यह व्यवस्था हटा ली गई है।
निशक्त और महिला यात्री परेशान
मुम्बई-अहमदाबाद कर्णावती एक्सप्रेस में एलएचबी कोच लगाए जाने के बाद निशक्त तथा महिला यात्रियों के लिए अलग से कोच की व्यवस्था खत्म हो गई है। निशक्त तथा महिलाओं के लिए गार्ड के पास वाले डिब्बे में कुछ सीटों की व्यवस्था है। रोजाना पास लेकर नौकरी, व्यापार के लिए सफर करने वाली महिला यात्रियों की संख्या अधिक है। जेडआरयूसीसी सदस्य राकेश से इस बारे में महिला यात्रियों ने शिकायत की
है। उन्होंने महिला यात्रियों के लिए अलग से कोच लगाने की मांग की है।