टॉसिलीजुमैब इंजेक्शन की कालाबाजारी की जांच में जुटी उमरा पुलिस को इंजेक्शन बिना प्रिस्क्रिप्शन पीपलोद के मेडिकल स्टोर खरीदा गया होने की जानकारी मिली है। वहीं पिंजरत में नकम और ग्लूकोज पाउडर से हजारों नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन तैयार कर गुजरात ही नहीं देश भर में बेचने वाले कौशल व पुनित को हिरासत में लेने के लिए सूरत क्राइम ब्रांच ने कवायाद शुरू कर दी है।
उमरा पुलिस के मुताबिक पंकज रामाणी को इंजेक्शन उपलब्ध करवाने के वाले परवत पाटिया के अमृतम अस्पताल के डॉक्टर शैलेष वाला को गिरफ्तार किया गया है। उससे पूछताछ में पता चला हैं कि उसने बिना प्रिस्क्रिप्शन के पीपलोद स्थित लेक व्यू मेडिकल स्टोर के संचालक अश्विन सावलिया से बिना प्रिस्क्रिप्शन टॉसिलीजुमैब इंजेक्शन लिया था।
जिसे उसने पंकज रामाणी की मदद से 1.85 लाख रुपए में बेचा था। पुलिस ने सावलिया को हिरासत में लेने की कवायद शुरू कर दी है। क्राइम ब्रांच के मुताबिक पिंजरत में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन तैयार कर अपने नेटवर्क के जरिए देश भर के विभिन्न शहरों में नकली इंजेक्शन बेच कर लाखों रुपए की काली कमाई करने वाले कौशल व पुनित को हिरासत में लेने की कवायद शुरू कर दी है।
दोनों फिलहाल मोरबी पुलिस की हिरासत में है। उनकी हिरासत के लिए क्राइम ब्रांच ने कोर्ट में याचिका दायर की है। वहीं सूरत शहर में नकली इंजेक्शन बेचने के मामले में पकड़े गए जयदेवसिंह झाला को उसकी रिमांड अवधी पूरी होने पर न्यायिक हिरासत में लाजपोर जेल भेज दिया गया है। कौशल के मित्र जयदेव ने सूरत में नकली इंजेक्शन बेचने के साथ साथ अपने अन्य संपर्को के जरिए वडोदरा, अंकलेश्वर, जालोद समेत अन्य शहरों में कुल मिला कर 515 इंजेक्शन बेचे थे।
जिनमें से कई इंजेक्शन मरीजों को लगाए गए थे। कई बिना इस्तेमाल किए रखे हुए थे। इनमें से 112 इंजेक्शन बरामद किए गए है। यहां उल्लेखनीय हैं कि गत एक मई को मोरबी पुलिस ने सूरत के निकट पिंजरत गांव के फॉर्म हाउस पर छापा मारा था। यहां शातिर कौशल व उसका साथी पुनित बड़े पैमाने पर नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन तैयार रहे थे।
वे उन्हें गुजरात ही नहीं देश भर के बड़े शहरों में सप्लाई कर रहे थे। मोरबी में बेचा गया नकली इंजेक्शन सामने आने पर मोरबी पुलिस इनके नेटवर्क को भेदते हुए सूरत पहुंची थी। बाद में मोरबी पुलिस ने इस नेटवर्क से जुड़े कई लोगों को गिरफ्तार किया था। क्राइम ब्रांच ने भी सूरत में इंजेक्शन बेचने वाले झाला को गिरफ्तार किया था।
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साइबर क्राइम पुलिस ने पीडि़त के 1.22 लाख रिफंड करवाए
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साइबर क्राइम पुलिस ने पीडि़त के 1.22 लाख रिफंड करवाए
सूरत. साइबर ठगी का शिकार हुए एक युवक के तुंरत संपर्क करने पर साइबर क्राइम पुलिस ने उसके खाते से पार हुए 1.22 लाख रुपए रिफंड करवा दिए। पुलिस के मुताबिक पीडि़त चंदनकुमार मंहतो के मोबाइल पर गत10 मई को साइबर ठगों ने फोन कर उसका आरबीएल बैंक का क्रेडिट कार्ड एक्टिव करने का झांसा दिया था।उनके झांसे में आकर चंदन ने उन्हें मोबाइल में आए ओटीपी बता दिए। कुछ ही समय में उसके खाते से रुपए पार हो गए। इस बारे में पता चलने पर उसने तुंरत साइबर आश्वत पर फोन किया और मदद मांगी। पुलिस ने तुंरत कार्रवाई की और ट्रांजेक्शन रुकवा कर उसके रुपए रिफंड करवा दिए।
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