सूरत हीरा उद्योग का हब माना जाता है। विश्व में तराशे हुए हीरों में से 90 प्रतिशत सूरत में तैयार होते हैं। इसके बावजूद सूरत में रफ हीरे नहीं बिकते और यहां से हीरों का सीधे निर्यात भी नहीं होता। हीरा उद्योग के विकास और आयात-निर्यात के मकसद से सूरत के कुछ उद्यमियों ने सूरत डायमंड बूर्स बनाने के प्रयास शुरू किए थे। इसके लिए राज्य सरकार के कम कीमत पर जमीन मांगी गई। राज्य सरकार ने चार साल पहले ड्रीम सिटी प्रोजेक्ट के तहत खजोद में सूरत डायमंड बूर्स बनाने के लिए जमीन दी थी। गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने इसका भूमि पूजन भी किया था, लेकिन कुछ कारणों से आगे काम शुरू नहीं हो सका था। अब लाभ पांचम से काम शुरू हो जाएगा।
दस मंजिल की 11 इमारतें होंगी
डायमंड बूर्स प्रोजेक्ट सूरत के हीरा उद्योग के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। करीब 2400 करोड़ रुपए के खर्च से 6 6 लाख स्कवायर फीट में तैयार होने वाले इस प्रोजेक्ट में बैंक, कस्टम हाउस से लेकर तमाम सुविधाएं होंगी। बूर्स से जुड़े अग्रणी मथुर सवाणी ने बताया कि बूर्स में 10 मंजिल की 11 इमारतें बनाई जाएंगी।
केन्द्रीय मंत्री मेघवाल को सौंपा ज्ञापन
राजस्थान मित्र मंडल ट्रस्ट द्वारा गुरुवार को दमण आए केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल को ज्ञापन देकर वापी स्टेशन पर कई ट्रेनों के ठहराव की मांग की। मंडल के प्रमुख रामेश्वर सैनी समेत अन्य सदस्यों ने केन्द्रीय राज्यमंत्री से भेंट कर बताया कि वलसाड जिले एवं दमण तथा दानह में बड़ी संख्या में राजस्थान के लोग रहते हैं। इन्हें गांव जाने के लिए यहां पर्याप्त ट्रेन सुविधा नहीं है। इसे देखते हुए चंडीगढ़-बांद्रा, मुंबई-जयपुर, गरीब रथ और सूर्यनगरी एक्सप्रेस के वापी स्टेशन पर ठहराव की मांग लंबे समय से हो रही है।
मंडल के सदस्यों के अनुसार मेघवाल ने इस संबंध में रेलमंत्री से मिलने का आश्वासन दिया। इस मौके पर दमण-दीव सांसद लालू पटेल, मंडल के गुलाब भाटी, विजेन्द्र, गोरधन सिंह, मालाराम जाट, सुधीर चौमाल एवं अन्य लोग मौजूद थे।