scriptमासूम आंखों में थी यौन-उत्पीडऩ की दशहत और मदद की उम्मीद | There was fear of sexual harassment in innocent eyes and hope for help | Patrika News

मासूम आंखों में थी यौन-उत्पीडऩ की दशहत और मदद की उम्मीद

locationसूरतPublished: Nov 11, 2021 06:00:15 pm

Submitted by:

Dinesh M Trivedi

– सूरत में रिश्तों की मर्यादा को तार तार करने वाला मामला – बड़ी पुत्री से किया बलात्कार, छोटी से भी करता था छेड़छाड़ – सलाबतपुरा पुलिस ने आरोपी पिता को किया गिरफ्तार

माता को शरण देने वाले पर पुत्री ने लगाया छेडछाड़ का आरोप

माता को शरण देने वाले पर पुत्री ने लगाया छेडछाड़ का आरोप

दिनेश एम.त्रिवेदी
सूरत. वो दोनों सहमी हुई थी और पुलिसकर्मी की तरफ डर, हिचकिचाहट और उम्मीद भरी नजरों से देख रही थी। बुधवार को मानदरवाजा चौकी से गश्त पर निकले रहे एक पुलिसकर्मी को चौकी के बाहर मिली दो किशोरियों की आंखों में कुछ ऐसे ही भाव देखने को मिले। पुलिसकर्मी वैन बुला कर दोनों को सलाबतपुरा थाने ले आया।
14 व 13 साल की इन दोनों किशोरियों को विश्वास में लेकर उनसे पूछताछ की तो पुलिसकर्मियों के होश उड़ गए। दोनों बच्चियों ने बताया कि उनका सगा पिता ही लंबे समय से बलात्कार और यौन उत्पीडऩ कर रहा था। जिसकी शिकायत करने के लिए वे दोनों पुलिस के पास आ रही थी। चौदह वर्षीय किशोरी ने बताया कि सालभर पूर्व उसके पिता छेड़छाड़ करते थे, वह उसके गुप्तागों को हाथ लगाते थे, जो उसे अच्छा नहीं लगता था।
दरगाह पर माथा टेकने के लिए ले जाते समय भी उन्होंने रास्ते में उसके साथ छेड़छाड़ की थी। घर लौट कर उसने पिता की हरकतों के बारे में माता को बताया था। लेकिन उसकी माता ने इस बात को गंभीरता से नहीं लिया। हालांकि उसने पिता को फटकार लगाते हुए चेतावनी दी थी। जिसके चलते उनके पिता ने कुछ समय परेशान करना बंद कर दिया था। लेकिन बाद में फिर बात आई गई हो गई। वह शारीरिक छेड़छाड़ करते थे। इस वजह से वह उनके पास जाने से कतराती थी।
आठ घंटों में दो बार किया बलात्कार

मंगलवार मध्यरात्रि जब वह सो रही थी तो बिस्तर में घुस आए और मुंह दबा कर उसके साथ बलात्कार किया। इस बारे में किसी को कुछ बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी। उसके बाद बुधवार सुबह पौने नौ बजे उसकी माता की गैर मौजूदगी में फिर उसे अपनी हवस का शिकार बनाया। जब वह बाहर गए तो उसकी छोटी बहन ने बताया कि पिताजी उसके साथ भी छेड़छाड़ करते है। जो उसे अच्छा नहीं लगता है।
उसने माता से भी शिकायत की थी लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। अपने साथ और छोटी बहन के साथ हो रही ज्यादती को लेकर दोनों बहनों ने पुलिस के पास जाने का मन बनाया। दोपहर बाद दोनों बहने घर से पैदल ही निकल गई। दोनों चलते चलते मान दरवाजा पुलिस चौकी के करीब पहुंची। चौकी के करीब ही दहशत के बीच ही मदद की उम्मीद लिए दोनों वहां जाने की हिम्मत जुटा रही थी।
तभी गश्त पर निकल रहे पुलिसकर्मी ने उन्हें देखा। पिता का यौन उत्पीडऩ सह रही दोनों किशोरियों की आपबीती सुनने के बाद पुलिस हरकत में आई। पुलिस ने उनके माता पिता को थाने बुलवा लिया और पूछताछ करने के बाद मामला दर्ज किया।
पूरे होशो हवास में करता था पिचाशी कृत्य

गुरुवार को मेडिकल करवा कर आरोपी पिता को हिरासत में ले लिया। पुलिस ने बताया कि आरोपी नराधम रंग रोगन का काम करता है। आरोपी पिता से प्राथमिक पूछताछ कर पुलिस ने बताया कि वह दो सगी पुत्रियों के अलावा उसके दो पुत्र भी है।
वह रंग रोगन की दिहाड़ी मजदूरी करता है। शराब या कोई नशा होने की बात भी सामने नहीं आई है। वह अपने होश हवास में अपनी पुत्रियों को हवस का शिकार बना रहा था। प्राथमिक पूछताछ में कोई आपराधिक इतिहास भी सामने नहीं आया है।
अपने ही घरों में सुरक्षित नहीं हैं मासूम

घरों के बाहर तो मासूम बच्चें हवसखोरों का लगातार शिकार हो रहे है। समय समय पर मासूमों से यौन उत्पीडऩ के मामले सामने आते रहते है। ऐसे मामलों वे सिर्फ यौन उत्पीडऩ ही नहीं सहते हैं बल्कि कई मामलों में तो अपनी जान से भी हाथ धो बैठते है।
बाहर तो ठीक लेकिन कभी कभार ऐसे मामले भी सामने आते है जो बताते हैं कि वे अपने घरों में भी सुरक्षित नहीं है। अपने ही घर में उन्हें यौन उत्पीडऩ का शिकार होना पड़ता है। इस तरह के बहुत कम मामले ही सामने आ पाते है। कई मामलों में मदद या मार्गदर्शन नहीं मिलने पर मासूम यह उत्पीडऩ सहते रहते है और इसका उनके जीवन पर बेहद विपरीत प्रभाव पड़ता है।
गुड-टच और बेड-टच से जाना उत्पीडऩ को

मासूम बच्चों को यौन उत्पीडऩ से बचाने के लिए पुलिस द्वारा चलाई जा रही गुड़ टच बैड टच मुहिम रंग ला रही है। कई बच्चों अपने ही घर में उनके साथ हो रहे यौन उत्पीडऩ का खुलासा कर रहे है। इस मामले में ऐसा ही हुआ सलाबतपुरा पुलिस थाने की शी टीम द्वारा पिछले दिनों स्कूलों में जागरुकता कार्यक्रम कर गुड ट व बैड टच के बारे में बताया गया था।
बच्चों को यह भी बताया गया था कि यदि माता-पिता उनकी बात नहीं सुने तो वे पुलिस से संपर्क कर सकते है। नौवीं कक्षा में पढऩे वाली चौदह वर्षीय पीडि़त व आठवीं में पढऩे वाली उसकी छोटी बहन ने भी स्कूल में गुड टच और बैड टच के बारे में जाना था। उन्हें पता था कि उनके पिता उनके साथ बैड टच कर रहे है। इसलिए वे मदद के लिए सीधे पुलिस के पास पहुंच गई।
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