सिलवासा में यूं दिखी लघु भारत की झलक
सूरतPublished: Feb 24, 2020 09:13:49 pm
भारत-भारती के सांस्कृतिक आयोजन में विभिन्न राज्यों के कलाकारों ने दी कला की प्रस्तुति
सिलवासा में यूं दिखी लघु भारत की झलक
सिलवासा. भारत-भारती की ओर से रविवार रात आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में देश के एक दर्जन से अधिक राज्यों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इस मौके पर भारत माता की आरती व पूजा के बाद सांस्कृतिक एकता के अनेक रूप विभिन्न कार्यक्रमों में देखने को मिली और कलाकारों ने अपने-अपने राज्य की खास प्रस्तुतियां दी।
कार्यक्रम में भारत-भारती के गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, उड़ीसा, केरल, पश्चिम बंगाल, उत्तरांचल, आसाम, पंजाब, कर्नाटक, तमिलनाडु, झारखंड, दिल्ली राज्यों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम की शुरुआत में मुख्य अतिथि वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रेम शारदा ने कहा कि भारत ही एक ऐसा देश है जहां कि संस्कृति एक-दूसरे को जोड़ती है। सच्चे मायनों में राष्ट्र की संज्ञा भारत को ही दी जा सकती है, क्योंकि यहीं एक ऐसा देश है जिसने अपनी सांस्कृतिक पहचान सदियों से बनाए रखी है। भारत-भारती के संस्थापक विनय पत्राले ने कहा कि विश्व में वसुधैव कुटुम्बकम का संदेश देने वाला राष्ट्र भारत ही है। यह कुदरत की देन है कि भारत प्राचीनकाल से समृद्ध देश रहा है। देश का विध्वंस व विखंडन करने वाले कई आक्रांता यहां आए मगर यहां के निवासियों ने सदैव समझदारी से निर्णय लिया। स्थानीय इकाई के संयोजक नागेन्द्र सिंह ने अपने संबोधन में बताया कि संघ प्रदेश दादरा नगर हवेली में रहने वाले लोगों ने राष्ट्रीय स्तर पर विशेष पहचान बनाई हैं। औद्योगिक इकाइयों के कारण दादरा नगर हवेली प्रगति के पथ पर अग्रसर हुआ है। कार्यक्रम में हरियाणा के फाग लूर, राजस्थान का घूमर, केरल का ओट्टम, महाराष्ट्र का लावणी, तमिलनाडू के भरत नाट्यम कार्यक्रम की प्रस्तुति पर दर्शकों ने ताली बजाकर स्वागत किया। कार्यक्रम स्थल पर प्रतिनिधियों ने अपने-अपने राज्यों के स्वादिष्ट व्यजंनों की स्टॉल लगाई। कार्यक्रम के दौरान सहसंयोजक आरके नायर, अनिल दीक्षित, महेन्द्र कुमार त्रिपाठी, एसएमसी अध्यक्ष राकेशसिंह चौहान, भारत-भारती कोषाध्यक्ष संदीप तिवारी आदि मौजूद थे।