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जो चेते वो ही शामिल

locationसूरतPublished: Feb 07, 2019 07:39:22 pm

Submitted by:

Dinesh Bhardwaj

रांची में आयोजित व्यापार बढ़ाओ महोत्सव में कई फर्मों की भागीदारी

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जो चेते वो ही शामिल

सूरत. एक तरफ सूरत की कपड़ा मंडी के व्यापारी मेला स्कीम से दूर रहने के लिए लामबंद होने के प्रयास कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ रांची में आयोजित व्यापार बढ़ाओ महोत्सव में भागीदारी भी निभा रहे है। ऐसी स्थिति में लुभावने कारोबार से सूरत समेत देशभर के कपड़ा व्यापार को सुरक्षित रखने के प्रयासों के अंजाम तक पहुंचने पर सवालिया निशान भी खड़ा हो रहा है।
अलग-अलग तरीके से व्यापारी व ग्राहकों को लुभाने के लिए मेला स्कीम के आयोजन उत्तरप्रदेश व बिहार की कई कपड़ा मंडियों में होते है। इसमें सूरत कपड़ा मंडी की टॉप हंड्रेड फर्मे शामिल होती थी मगर अब इसमें शामिल होकर हर एक व्यापारी अपने कारोबार को ऊंचाई देने का प्रयास करने लगा है। मगर इन लुभावनी स्कीमों से सच्चाई में कपड़ा कारोबार ऊंचाई तक पहुंचने के बजाय कपड़ा बाजार टूटता ही अधिक रहा है और इसके बड़े नुकसान को भांपकर अब कपड़ा व्यापारी इसके विरोध में लामबंद होने लगे है। पिछले दिनों पटना कपड़ा मंडी के एक व्यापारिक दल ने भी सूरत आकर स्थानीय कपड़ा व्यापारियों को इसके बड़े नुकसान गिनाए तो आनन-फानन में साउथ गुजरात टैक्सटाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन ने भी बैठकों के दौर शुरू कर दिए और मेला स्कीम से व्यापारियों को दूर रखने के सभी तरह के प्रयास तेज कर दिए। मगर अभी हाल में झारखंड की बड़ी कपड़ा मंडी रांची में व्यापार बढ़ाओ महोत्सव नामक स्कीम जारी है और इसमें सूरत कपड़ा मंडी की करीब 50 फर्में भाग ले रही है।

15 लाख की खरीद पर 10 टका तक


स्कीम में ग्रुप एवं ग्रुप बी में सूरत कपड़ा मंडी की करीब 50 फर्मों के नाम शामिल है और इसमें 15 लाख से ज्यादा की खरीदारी के एक से 30 दिन तक भुगतान पर 10 प्रतिशत डिस्काउंट का लुभावना ऑफर दिया हुआ है। ऐसे ही ग्रुप बी में 8 लाख से ज्यादा की खरीदारी पर इसी अवधि में भुगतान पर 5 प्रतिशत डिस्काउंट का ऑफर है। इतना ही नहीं दस दिन में भुगतान पर एक प्रतिशत नकद डिस्काउंट का भी ऑफर है। इसके अलावा डिस्काउंट का ऑफर 31 से 45 दिन एवं 46 से 60 दिन में भुगतान पर अलग-अलग है।

मेला स्कीम के नाम पर वसूली


सूरत कपड़ा मंडी के व्यापारियों से मेला स्कीम के नाम पर 5-5 लाख रुपए की वसूली भी की जाती है और ऊपर से 15 लाख से अधिक की खरीदारी पर 10 प्रतिशत डिस्काउंट का दबाव का व्यापारिक नुकसान भी रहता है। इतना ही नहीं 2-3 माह का कपड़ा एक महीने में ही चला जता है जो बाद में जीआर (गुड्स रिटर्न) व भुगतान में देरी की समस्या के रूप में भी व्यापारियों के सामने आता है। इतना होने के बावजूद प्रतिस्पर्धा की होड़ में स्थानीय कपड़ा व्यापारी ऐसी मेला स्कीम के नाम पर होने वाली वसूली प्रक्रिया में शामिल हो जाते है।
यह पहले की प्लानिंग
रांची समेत देश के कई शहरों में ऐसी मेला स्कीम इन दिनों चल रही है और इसमें सूरत मंडी के कई व्यापारिक फर्में शामिल है। यह पहले की हुई प्लानिंग है, इसलिए फर्में शामिल है लेकिन अब व्यापारी चेत रहे है और मेला स्कीम जैसे केंसर से बचने का उपाय करने लगे है।
मोहनकुमार अरोरा, कपड़ा व्याापरी, रघुकुल मार्केट

30 सहमति पत्र आ चुके


एसजीजीटीए इस मामले में पहल कर चुका है और अभी तक सूरत कपड़ा मंडी की टॉप हंड्रेड फर्मों में से 30 के सहमति पत्र आ चुके है। पहले से प्लानिंग वाली स्कीम अभी कई शहरों में सक्रिय है लेकिन एक मई से इन सबसे दूरी बनाने की पूरी तैयारी की जा चुकी है।
सचिन अग्रवाल, कपड़ा व्यापारी, एकता मार्केट

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