पांचों शव एक ही परिवार के निकले, जो 28 फरवरी से तापी जिले के व्यारा क्षेत्र में स्थित कपूरा गांव से लापता गामित परिवार के थे। बारडोली पुलिस ने मौके पर पहुंचकर फायर ब्रिगेड की टीम की मदद और क्रेन के सहारे कार को बाहर निकाला। पुलिस ने सभी शवों को वांसकुई स्थित सरकारी स्वास्थ्य केन्द्र भेजा और तीन चिकित्सकों के पैनल से पोस्टमार्टम के बाद पूरे प्रकरण की गहनता से जांच शुरू की।
बारडोली थाना प्रभारी नयन कुमार चौहाण ने बताया कि कपूरा गांव स्थित वृन्दावन सोसायटी में रहने वाला धर्मेश जीवण गामित (41) व्यारा एपीएमसी मार्केट में सब्जी का व्यवसाय करता था। 28 फरवरी को वह पत्नी सुनीता (36), बेटी उर्वी (6), पिता जीवण गोमा गामित (62) और मां शर्मिला (62) के साथ कार से सूरत जिले में बारडोली के बामणी गांव स्थित मंदिर में दर्शन के लिए निकला।
इसके बाद से इस परिवार का किसी से कोई सम्पर्क नहीं हुआ। आखिरी बार उसी दिन सुनीता ने अपनी बहन से फोन पर बात की थी। इसके बाद परिवार के सभी सदस्यों के फोन बंद हो गए। घटना कैसे हुई, इस बारे में फिलहाल कोई पता नहीं चला है। पुलिस ने प्राथमिक तौर पर कार के नहर में गिरने की आशंका जताई है। हालांकि पुलिस हर पहलू को ध्यान में रखते हुए जांच कर रही है।
12 दिन पहले गुमशुदगी दर्ज कराई मांडवी तहसील के झांखला गांव निवासी और धर्मेश के ससुर मनहर गामित ने परिवार से जुड़े सभी सम्पर्कों को खंगाला। रिश्तेदार और परिजनों के यहां पता लगाया। कई बार घर संभाला, लेकिन ताला लगा मिला। आखिरकार एक सप्ताह बीतने के बाद परिवार की कोई जानकारी नहीं लगने पर मनहर ने 7 मार्च को व्यारा पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। वाहन के बारे में भी पूरी जानकारी दी।
आर्थिक तंगी से परेशान था परिवार लापता परिवार के बारे में 28 फरवरी से ही कई तरह की अटकलें सामने आ रही थीं। इसमें सबसे बड़ी बात यह सामने आई कि आर्थिक तंगी के कारण परिवार ने घर छोड़ दिया। सब्जी का व्यवसाय करने वाले धर्मेश के आर्थिक हालत ठीक नहीं होने के कारण पूरे परिवार से सामूहिक आत्महत्या कर ली, ऐसी चर्चा भी क्षेत्र के लोगों में है।