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आज से थम जाएंगे हजारों ट्रकों के चक्के

locationसूरतPublished: Jul 19, 2018 09:36:00 pm

राष्ट्रव्यापी हड़तालट्रांसपोर्ट उद्योग को रोजाना करोड़ों का नुकसान

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आज से थम जाएंगे हजारों ट्रकों के चक्के


वापी. राष्ट्रव्यापी चक्काजाम के आह्वान के चलते शुक्रवार से ट्रकों के पहिए थम जाएंगे। इसके चलते वापी ट्रांसपोर्ट उद्योग को ही रोजाना करोड़ों रुपए की आवक गंवानी पड़ेगी। पूरे देश के ट्रांसपोर्टरों ने हड़ताल को समर्थन दिया है। इसे देखते हुए हड़ताल शुरू होने के दो दिन पहले से ही वापी समेत आसपास के ट्रांसपोर्टरों ने बुकिंग लेना बंद कर दिया था। नजदीक के गंतव्यों को छोड़कर लंबी दूरी पर चलने वाले वाहन चालकों व मालिकों ने बीच में फंसने के डर से माल न भरने में ही भलाई समझी। गुरुवार शाम तक ही वापी औद्योगिक और हाइवे से सटे विस्तारों मे लगभग पांच हजार भारी वाहन खड़े हो गए थे। ट्रांसपोर्ट से जुड़े सूत्रों के अनुसार हड़ताल वाले दिन तक यह संख्या बढ़कर आठ हजार तक पहुंच सकती हैं। जिनके ट्रक माल लेकर अन्य राज्यों में गए हैं, उनके चालकों को भी खड़े रहने को कहा गया है।
जानकारी के अनुसार डीजल दाम में कमी, तीन महीने में डीजल के दाम की समीक्षा, हाइवे से टोल टैक्स की समाप्ति, जीएसटी और इ-वे बिल की व्यवहारिक दिक्कतों समेत विभिन्न मांगों को लेकर देश भर के ट्रांसपोर्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रहे हैं। इसके समर्थन में आल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस समेत कई संगठनों ने वापी आकर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन से समर्थन मांगा था। इसके बाद यहां भी हड़ताल को समर्थन देने की घोषणा की गई थी।
जरूरी चीजों के वाहन बंद से अलग
ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के पूर्व प्रमुख अरविन्द शाह ने बताया कि हड़ताल के कारण हजारों ट्रक वापी में खड़े हो गए हैं। माल भरकर जाने वाले वाहन के बीच रास्ते में बंद के दौरान अप्रिय घटना की आशंका रहती है। इससे ट्रांसपोर्टर व वाहन मालिकों ने ऐहतियातन ऐसा किया है। दूध, सब्जी, दवाएं, स्टेशनरी समेत अन्य जरूरी सामान के वाहनों को बंद में शामिल नहीं किया गया है। कोई भी ट्रांसपोर्टर वापी में किसी वाहन को रास्ते पर जाकर नहीं रोकेगा। शांतिपूर्वक हड़ताल को समर्थन दिया गया है। हालांकि इससे रोजाना करोड़ों रुपए की आय पर असर होगा।
कंपनी में रुका माल
राष्ट्रव्यापी हड़ताल के कारण कंपनियों द्वारा जल्द से जल्द अपने तैयार उत्पादों को भेजने का काम किया गया। दूरी वाले शहरों की बुकिंग दो दिन पहले से ही बंद होने पर कई कंपनियों में तैयार माल गोदामों में भरा पड़ा है। जीआइडीसी सेकन्ड फेज स्थित कंपनी के प्लांट इंचार्ज सोहन राजवंशी के अनुसार कोई रिस्क नहीं ले सकते। हड़ताल के दौरान बीच रास्ते में माल भरकर जाने वाले वाहनों के साथ किसी घटना के होने पर इंश्योरेंस भी पास नहीं होता है। ऐसे में हड़ताल खत्म होने का इंतजार करना ही बेहतर है।
हालत ठीक नहीं
ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुड़े राजमंगल मौर्या के अनुसार पिछले कुछ समय से ट्रांसपोर्ट उद्योग के लिए हालात ठीक नहीं रहे। डीजल के दाम में भारी वृद्धि के बाद भी मालभाड़ा में बढ़ोतरी से उद्योग काफी दबाव में है। हाल के दिनों में कई राज्यों में बाढ़ से वाहनों के फेरे ज्यादा नहीं लग पाए। अब अनिश्चितकालीन हड़ताल ने एक या दो वाहन मालिकों तथा लोन पर गाड़ी लेने वालों की हालत पतली कर दी है। राजमंगल के अनुसार इस बार हड़ताल किसी ठोस नतीजे के साथ खत्म होनी चाहिए।
करोड़ों के नुकसान की आशंका
सिलवासा. डीजल कीमतों में वृद्धि के विरोध तथा टोलनाका समाप्त करने को लेकर शुक्रवार को प्रदेश के ट्रांसपोर्टर भी हड़ताल में शामिल रहेंगे। दावा है कि प्रदेश के करीब पांच हजार मालवाहक वाहनों के पहिए थम जाएंगे। ट्रक ऑपरेटरों ने हड़ताल में उतरने का पूरा मन बना लिया है। मसाट, रखोली टेम्पो एसोसिएशन भी हड़ताल में शामिल होगा। ट्रक हड़ताल के कारण प्रदेश में चल रहे तीन हजार उद्योगों में परिवहन ठप पड़ जाएगा। इससे करोड़ों नुकसान होने का अंदेशा है, वहीं महंगाई में वृद्धि होगी। ट्रक ऑपरेटरों ने उद्योगपतियों और व्यापारियों को हड़ताल की जानकारी दे दी है। रखोली टेम्पो एसोसिएशन प्रमुख कमलेश पटेल ने बताया कि राष्ट्रीय ट्रक ट्रांसपोर्ट के आह्वान पर प्रदेश के ट्रासंपोर्टर उनके साथ हैं। दूध और सब्जियों के परिवहन को हड़ताल से दूर रखा गया है। बताया गया है कि केन्द्र सरकार की ट्रक-ट्रांसपोर्ट विरोधी नीतियों के चलते मजबूरन ट्रक ऑपरेटरों को यह कदम उठाना पड़ा है।

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