जूना भरुच के चकला विस्तार क्षेत्र में पिछले दो दिन से हो रहे लगातार तेज बारिश के कारण भूतनाथ मंदिर के पास एक जर्जर मकान धराशायी होने से लोगों में अफरा-तफरी मच गई। इस घटना में कोई जनहानि के सामाचार नहीं, लेकिन एक दुपहिया वाहन मलबे के नीचे दब गया। इसी तरह जूना भरुच के लाल बाजार क्षेत्र में शुक्रवार सुबह तेज बारिश के कारण जर्जर मकान गिर गया। सूचना मिलते ही भरुच पालिका के फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंच मलबा हटाने का कार्य शुरू किया।
सैकड़ों जर्जर मकान मालिकों को नोटिस के बावजूद कार्रवाई नहीं
उल्लेखनीय है कि भरुच नगरपालिका की ओर से पिछले १३ सालों से मानसून से पूर्व शहर के ४२८ जर्जर मकान के मालिकों को नोटिस देकर मकानों को तोडऩे अथवा मरम्मत कराने के लिए सूचित किया जाता रहा है। पालिका की ओर से पिछले वर्ष कराए गए सर्वे में शहर के खस्ताहाल मकानों की संख्या 428 थी, जिसमें एक वर्ष में अब तक सिर्फ १२८ मकानों को गिराया गया या मरम्मत की गई। अभी भी शहर में 300 मकान जर्जर अवस्था में है, जिसमें लोग रहते हैं। मानसून के दौरान इन जर्जर मकानों की वजह से बड़ा हादसे होने से इनकार नहीं किया जा सकता।
हादसे को न्यौता
भरुच शहर की घनी आबादी के बीच खड़े जर्जर मकान हादसों को न्यौता दे रहे हैं। दशकों पुराने इन भवनों की मियाद पूरी हो चुकी है। इन मकानों के कई हिस्से आए दिन टूटकर गिरते रहते हैं। इसके बावजूद न तो मकान मालिकों का ध्यान है और न ही भरुच नगर पालिका प्रशासन की नजर पड़ रही है। भरुच पालिका पिछले १३ वर्षों से प्री-मानसून कार्य के नाम पर सिर्फ इन जर्जर मकान मालिकों को सिर्फ नोटिस देकर अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो जाती है।