सूरत और उधना रेलवे स्टेशन पर लाखों रुपए के खर्च से यात्री सुविधाओं के लिए विभिन्न प्रोजेक्ट बनकर तैयार हो गए हैं। इसमें सूरत स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या 4 का कायाकल्प, फुट ओवरब्रिज का विस्तार और उधना में प्लेटफार्म संख्या 4-5 समेत अन्य प्रकल्प शामिल हैं। सूरत से सांसद दर्शना जरदोश के रेलवे और टैक्सटाइल राज्यमंत्री बनने के बाद इन यात्री सुविधाओं का कार्य शुरू किया गया था। रेलवे ने दिसंबर तक कार्य पूरा करने की अंतिम तारीख तय की थी।
रेलवे की लेट लतीफी का आलम यह है कि अब फरवरी खत्म होने को है लेकिन अब तक उद्घाटन का दिन और समय तय नहीं हो सका है। सूत्रों के मुताबिक, उधना स्टेशन के प्लेटफार्म 4-5 पर यात्रियों के लिए विभिन्न सुविधाओं का कार्य लगभग पूरा हो गया है। इसमें यात्रियों के बैठने के लिए प्रत्येक पिलर पर चबूतरे बनाने, लाइट, पंखा, प्लेटफार्म पर शेड, टॉयलेट और उत्तर व दक्षिण के फुट ओवरब्रिज को प्लेटफार्म से जोडऩा शामिल हैं। इसी माह के शुरुआत में 5 और 18 फरवरी को रेलवे अधिकारियों ने उद्घाटन के लिए तैयारियों को अंतिम रूप देने का कार्य पूरा किया। एक अधिकारी ने बताया कि रेलवे ने अपने स्तर पर शेष कार्यो को पूर्ण कर लिया है, लेकिन मंत्रीजी से समय नहीं मिलने के कारण उद्घाटन की तारीख को आगे बढ़ाया जा रहा है।
अब फिर से रेलवे अगली तारीख को ध्यान में रखते हुए उद्घाटन समारोह की रूपरेखा तैयार कर रही है, लेकिन अब अधिकारी उद्घाटन डेट बताने से बचते दिखाई दे रहे हैं। अधिकारियों ने मंगलवार को उधना स्टेशन पर निरीक्षण किया। इसमें प्लेटफार्म के उत्तर व दक्षिण में यात्रियों के लिए बनाए गए टॉयलेट के दरवाजे समेत अन्य साधनों को नुकसान पहुंचाने की जानकारी सामने आई है। बताया जा रहा है कि उधना में कुछ खुरापतियों ने टॉयलेट ब्लॉक को खराब कर दिया। अधिकारियों ने फिर से इन्हें ठीक करने के निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि डेढ़ माह से रेलवे ने सभी कार्यो को जल्दी-जल्दी पूरा करने पर जोर दे रही थी। रेलमंत्री या रेलवे और टेक्सटाइल राज्यमंत्री द्वारा उद्घाटन करवाने की बात कही जा रही है। हालांकि अब तक मुम्बई मंडल के अधिकारियों को मंत्रीजी से उद्घाटन के लिए समय नहीं मिला हैं।

समाज कंटकों का अड्डा बना प्लेटफार्म उधना में यात्रियों को प्लेटफार्म से बाहर निकलने के लिए 4-5 मेनगेट बनाए गए हैं। प्लेटफार्म नं. एक पर एसी, स्लीपर वेटिंग हॉल (प्रतीक्षालय) के नजदीक एक मेनगेट है, जहां दिन-रात असमाजिक तत्वों का अड्डा लगा रहता है। प्रतीक्षालय से 10-15 मीटर की दूरी पर आरपीएफ और जीआरपी का पुलिस थाना भी है। लेकिन उन्हें किसी का डर नहीं और वे प्लेटफार्म पर कुर्सी लगाकर बैठे दिखाई देते हैं। पुलिस के जवान भी उनके साथ ही बैठक कर चायपानी करते हैं। उधना स्टेशन मैनेजर समेत दूसरे विभागों को इसकी जानकारी भी है।