पार्किंग पॉलिसी के तहत शहर को तीन हिस्सों में बांटा गया है। पुराने और घनी आबादी वाले हिस्से को कोर सिटी का नाम दिया गया है। कोर सिटी से बाहर के हिस्से को बफर जोन और तीसरी लेयर के बाहरी हिस्से को एक्सटर्नल एरिया कहा गया है। तीनों हिस्सों में पार्किंग के लिए नियम-कायदे अलग-अलग होंगे। पॉलिसी और बायलॉज में दंड को अनुशासन का महत्वपूर्ण अंग बताते हुए वाहन चालकों की गलतियों के लिए जुर्माने की दर बढ़ाने और जरूरत से ज्यादा वाहनों के संग्रह को हतोत्साहित करने के लिए विभिन्न नए प्रावधानों की हिमायत की गई है। मनपा प्रशासन ने स्थाई समिति से हरी झंडी मिलने के बाद इसके ड्राफ्ट को फाइनल कर 16 अक्टूबर, 2017 को मंजूरी के लिए राज्य सरकार को भेज दिया था। वहां से अब तक कोई रिस्पांस नहीं मिला है।
गांधीनगर से इंतजार लंबा होता देख मनपा प्रशासन ने स्थानीय स्तर पर बायलॉज से जुड़े कुछ प्रावधानों पर अमल का मन बनाया है। इसके तहत पार्किंग परमिट पर प्रायोगिक तौर पर अमल शुरू किया जाएगा। पार्किंग के लिए जगह की शिनाख्त, नियम-कायदे, चार्ज तय करने के साथ ही पुलिस, आरटीओ और अन्य संबंधित विभागों के बीच तालमेल का खाका खींचा जाना है। स्थाई समिति की गुरुवार को होने वाली बैठक में इस पर चर्चा की जाएगी।
फिर आया सिटी स्क्वॉयर का काम मनपा प्रशासन शहर में सिटी स्क्वॉयर बनाने जा रहा है। इसके लिए कंसलटेंट की नियुक्ति की जानी है। मनपा प्रशासन ने पहले भी सिटी स्क्वॉयर के प्रस्ताव को मंजूरी के लिए स्थाई समिति को भेजा था, जिस पर उस वक्त निर्णय नहीं हुआ था। एक बार फिर मनपा प्रशासन ने इस प्रस्ताव को स्थाई समिति के एजेंडे पर लिया है। समिति की बैठक में सिटी स्क्वॉयर समेत एजेंडे में शामिल अन्य प्रस्तावों पर भी चर्चा होगी।