मेले जैसा माहौल
यहां के बॉटनिकल गार्डन, गिराधोध, वघई, सर्पगंगा तालाब, बोटिंग, रिसोर्ट, रोपवे रिसोर्ट केबल पॉइन्ट, एडवेंचर पार्क, मधुमक्खी पालन केन्द्र, रोज गार्डन समेत कई प्रमुख पर्यटन स्थल पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं। पर्यटकों की संख्या बढऩे से यहां खानपान का स्टॉल चलाने वालों में भी खुशी है। पर्यटकों की अधिकता के कारण सापूतारा समेत सभी पर्यटन स्थलों पर मेले जैसा माहौल रहा। इस दौरान यातायात संबंधी कोई दिक्कत न हो, इसके लिए पुलिस ने जरूरी बंदोबस्त किए।
यहां के बॉटनिकल गार्डन, गिराधोध, वघई, सर्पगंगा तालाब, बोटिंग, रिसोर्ट, रोपवे रिसोर्ट केबल पॉइन्ट, एडवेंचर पार्क, मधुमक्खी पालन केन्द्र, रोज गार्डन समेत कई प्रमुख पर्यटन स्थल पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं। पर्यटकों की संख्या बढऩे से यहां खानपान का स्टॉल चलाने वालों में भी खुशी है। पर्यटकों की अधिकता के कारण सापूतारा समेत सभी पर्यटन स्थलों पर मेले जैसा माहौल रहा। इस दौरान यातायात संबंधी कोई दिक्कत न हो, इसके लिए पुलिस ने जरूरी बंदोबस्त किए।
कमजोर पड़ा मानसून
सिलवासा. अच्छी शुरुआत के बाद मानसून कमजोर पडऩे लगा है। एक बार बरसने के बाद बादल लम्बा विराम ले लेते हैं। आसमान मेंं छाए बादल एक बारगी गायब हो जाते हैं, तो कुछ ही पल में भिगोकर चले जाते हैं। रविवार को सवेरे बादल गायब हो गए तथा दोपहर को हल्की बौछारंे पड़ी। शाम को आसमान साफ हो गया।
सिलवासा. अच्छी शुरुआत के बाद मानसून कमजोर पडऩे लगा है। एक बार बरसने के बाद बादल लम्बा विराम ले लेते हैं। आसमान मेंं छाए बादल एक बारगी गायब हो जाते हैं, तो कुछ ही पल में भिगोकर चले जाते हैं। रविवार को सवेरे बादल गायब हो गए तथा दोपहर को हल्की बौछारंे पड़ी। शाम को आसमान साफ हो गया।
मधुबन डेम का जलस्तर बढ़कर 70.30 मीटर पहुंचा
इस बार जून में कुल 469 मिमी बारिश हुई है, जो पिछले वर्ष से काफी कम है। गत वर्ष 30 जून तक प्रदेश में 626 मिमी बारिश रिकार्ड की थी। महाराष्ट्र में अच्छी बारिश से मधुबन डेम का जलस्तर बढ़कर 70.30 मीटर पहुंच गया। डेम में जलभराव हो रहा है। कम बारिश होने से अभी डेम के गेट खोलने की नौबत नहीं आई है। डेम में 954 क्यूसेक की दर से पानी संग्रहित हो रहा है, जबकि दोनों नहरों से 473 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हो जाता है। रोजाना बौछारें गिरने से खेती लायक मौसम बना हुआ है। खेतों में धान की पौध तेजी से बढ़ रही है। किसानों के अनुसार 15 जुलाई तक धानरोपण का उचित समय है।