scriptsurat news : जीएसटी में वृद्धि के विरोध में एक जुट हो रहे व्यापारी | Traders uniting in protest against increase of GST in surat | Patrika News

surat news : जीएसटी में वृद्धि के विरोध में एक जुट हो रहे व्यापारी

locationसूरतPublished: Nov 24, 2021 01:08:34 pm

Submitted by:

Dinesh M Trivedi

– टॉक ऑफ द टाउन बना मुद्दा…- एसजीटीटीए से जुड़े व्यापारियों ने ऑनलाइन मीटिंग कर की चर्चा
Talk of the town became the issue…- Merchants associated with SGTTA discussed online meeting

surat news :  जीएसटी में वृद्धि के विरोध में एक जुट हो रहे व्यापारी

surat news : जीएसटी में वृद्धि के विरोध में एक जुट हो रहे व्यापारी

सूरत. कपड़ा उत्पादन पर जीएसटी की दर पांच फीसदी से बारह फीसदी करने के विरोध में सूरत समेत दक्षिण गुजरात के कपड़ा व्यापारी एकजुट हो रहे हैं। एक के बाद एक विभिन्न व्यापारिक संगठन इसके विरोध में सामने आ रहे हैं। एक जनवरी 2022 से लागू होने वाली जीएसटी की बढ़ाई गई दर का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद से यह मुद्दा टॉक ऑफ द टाउन बन गया है। मंगलवार को व्यापारिक संगठन साउथ गुजरात टेक्सटाइल ट्रेडर्स एसोशिएशन (एसजीटीटीए) द्वारा इस मुद्दे पर ऑनलाइन मीटिंग आयोजित कर चर्चा की गई।
अध्यक्ष सुनील कुमार जैन ने सभी बोर्ड मेंबर्स से स्वागत उद्बोधन में कहा कि जिसका डर था वही हुआ। पिछले काफी दिन से कपड़े पर यार्न से लेकर रेडी फैब्रिक तक 12 फीसदी जीएसटी लगने आशंका थी, वह नोटीफिकेशन के जरिए सुनिश्चित कर दी गई है। 1 जनवरी 2022 से फैब्रिक, प्रोसेस हाउस और ग्रे पर 12 फीसदी जीएसटी लगाया जाएगा। हमारी संस्था ने जीएसटी की दरों में बदलाव नहीं होने देने का हर स्तर पर प्रयास किया था। हमारा सुझाव था कि यदि बदलाव करना ही है तो यार्न पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाई जाए।
ताकि सभी स्तर पर लगने वाली जीएसटी के दर एक समान हो जाए। इससे कपड़ा उद्योग को भी कोई समस्या नहीं हो। उपरोक्त संदर्भ में एसजीटीटीए का डेलिगेशन गांधीनगर में वित्तमंत्री, गृहमंत्री के अलावा वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन और सांसद सीआर पाटिल से मिला था। इस मांग को पत्र के जरिए भी पहुंचाया गया था। इतने प्रयासों के बाद भी कपड़े पर जीएसटी की दर बढ़ाई गई। साउथ गुजरात टेक्स्टाइल ट्रेडर्स एसोसिएशन पुरजोर विरोध करता है। संस्था ने सरकार एवं मंत्री गणों का इस ओर भी ध्यानाकर्षण किया कि कपड़े पर 12 फीसदी जीएसटी लगने से अंडर बिलिंग के साथ ही साथ ट्रेडर्स की लागत भी बढ़ेगी। कपड़ा महंगा होगा। टेक्सटाइल सेक्टर का व्यापार इससे प्रभावित होगा। सभी बोर्ड मेंबर्स ने इस पर खुलकर अपने विचार रखे। इस मुद्दे पर भावी रणनीति तैयार करने पर सहमति बनी। हर हाल में कपड़े पर जीएसटी पांच फीसदी रखने की बात हुई।
चर्चा में भाग लेते हुए सभी व्यापारियों ने जहां एक स्वर से कपड़े पर 12 पर्सेंट जीएसटी लागू किए जाने का पुरजोर विरोध किया। वक्ताओं का मत था कि कपड़ा क्षेत्र के सभी संगठनों को इस मुद्दे पर एक प्लेटफॉर्म पर आकर एकजुटता प्रदर्शित करनी चाहिए। नोटिफिकेशन के बाद अब इस मसले का हल गांधीनगर से नहीं, दिल्ली से ही संभव होने के कारण व्यापारियों की बात दिल्ली तक पहुंचाने पर जोर दिया गया।
ज्यादातर वक्ताओं का यह भी मत था कि नवसारी सांसद एवं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल ने कपड़ा व्यापारियों की समस्या के समाधान में पूर्व में भी काफी सहयोग किया है। उनके माध्यम और मार्गदर्शन में ही व्यापारियों को अपनी मांग केन्द्र सरकार के समक्ष उठानी चाहिए।
बैठक में अरविंद वैद्य, मोहन कुमार अरोरा, नरसिंह मारू, सारंग जालान, प्रह्लाद गर्ग, सुनील मित्तल, संतोष माखरिया, अमिताभ रुंगटा, सांवर प्रसाद बुधिया, मिलेनियम मार्केट के रंजन भाई एवं सुरेन्द्र जैन ने अपने विचार व्यक्त किए। सचिन अग्रवाल ने कहा कि कोविड के बाद बड़ी मुश्किल से कपड़ा बाजार पटरी पर आया है, लेकिन सरकार के नये नोटिफिकेशन से कपड़ा बाजार नयी मुसीबत में फंसता नजर आ रहा है।
यहां उल्लेखनीय है कि जीएसटी को लेकर सरकार का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद से दक्षिण गुजरात चैम्बर ऑफ कॉमर्स समेत विभिन्न छोटे बड़े व्यापारिक संगठन इसे कपड़ा उद्योग के लिए घातक बता रहे हैं तथा सरकार से लगातार कपड़े पर बढ़ाई गई जीएसटी की दर को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
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जीएसटी वृध्दि के विरोध में फोगवा ने भी बनाई रणनीति

सूरत. कपड़़े पर जीएसटी वृद्धि के विरोध में कारोबारी संगठन फोगवा ने ग्लोबल मार्केट में एक बैठक की। जिसमें बड़ी संख्या में सूरत समेत आसपास के विभिन्न औद्योगिक सोसायटियों के क्षेत्रिय संगठनों के पदाधिकारी शामिल हुए। उन्होंने जीएसटी में बढ़ोतरी का एक स्वर में विरोध किया तथा बुधवार से विरोध दर्ज करवाने का निर्णय किया
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