अलथान से भीमराड गाम के बीच कैनाल रोड पर लगे पेड़ मेट्रो प्रोजेक्ट के रास्ते में आ रहे हैं। गुजरात मेट्रो रेल कारपोरेशन और मनपा प्रशासन ने ऐसे करीब ढाई हजार पेड़ों को रास्ते से हटाने की तैयारी कर ली है। जीएमआरसी ने रास्ते में आ रहे पेड़ों पर मार्किंग भी कर दी है। जैसे-जैसे मेट्रो का काम आगे बढ़ेगा हरे-भरे पेड़ों को अपनी जान की कीमत पर रास्ता देना होगा।
डीपीआर में भी है जिक्र सूरत मेट्रो की डीपीआर में भी इन पेड़ों का जिक्र है। उसी में बताया गया है कि एक वयस्क पेड़ सालभर में करीब 50 किलो ऑक्सीजन छोड़ता है। इन पेड़ों को हटाने से शहर को हर साल करीब एक लाख किलो नेचुरल ऑक्सीजन का संकट झेलना पड़ेगा। औसतन एक व्यक्ति प्रतिवर्ष 182 किलो ऑक्सीजन का इस्तेमाल करता है। पेड़ों की कीमत के आंकलन के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी का गठन किया था। कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक एक पेड़ की कीमत 74500 रुपए है। कमेटी ने पेड़ की आयु को इस राशि से गुणा करके उसकी कीमत का आकलन किया था। कमेटी की रिपोर्ट की मानें तो 100 साल पुराने एक पेड़ की कीमत एक करोड़ रुपए से ज्यादा हो सकती है। 20 साल पुराना एक पेड़ करीब 15 लाख रुपए का है।
फिर ढाई लाख पौधे रोपने का दावा मनपा के गार्डन विभाग ने इस बार भी शहरभर में ढाई लाख पौधे रोपने का दावा किया है। इसमें डेढ़ लाख पौधे मनपा खुद लगाएगी और एक लाख पौधे जनसहयोग से रोपे जाएंगे। विश्व पर्यावरण दिवस पर कनकपुर कनसाड में एक गार्डन में पौधारोपण का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसके अलावा सिविल अस्पताल में भी पौधारोपण और फिर मुख्यमंत्री के साथ ऑनलाइन संवाद का कार्यक्रम है। मनपा प्रशासन शहर में संचालित कोविड केयर सेंटरों में भी पौधारोपण करेगी। यहां चिकित्सकों और फ्रंटलाइन वर्करों के हाथों पौधारोपण कराया जाएगा। गार्डन सुपरिटेंडेंट डॉ. एसजे गौतम ने बताया कि इस बार नीम के पौधों का सबसे ज्यादा रोपण किया जाएगा और लोगों को तुलसी की पौध वितरित की जाएगी।