सूरतीयों ने रशिया में फहराया तिरंगा
सूरत से गए हैं 35 बाइकर्स, 2300 किमी की यात्रा कर 12 जून को लौटेंगे

सूरत. दोस्ती का पैगाम लेकर रशिया पहुंचे सूरती लाला इन दिनों वहां जगह-जगह मान-सम्मान के साथ राष्ट्रध्वज तिरंगा फहरा रहे हैं। गुरुवार को इंडो-रशियन फ्रेंडशिप ट्यूर में शामिल युवा सदस्य साढ़े तीन सौ किलोमीटर मोटोबाइक चलाकर रूस की औद्योगिक नगरी सेंट पीट्सबर्ग से पस्कॉव पहुंचे। इससे पहले साढ़े पांच सौ वर्ष पूर्व भारत आए रशियन यात्री अफांसी निक्तिन के पैतृक गांव में यात्री दल में शामिल सभी सदस्यों ने रेवदांडा स्मारक की मिट्टी ससम्मान समर्पित की।
रशियन सूचना केंद्र के सहयोग से आयोजित दस दिवसीय इंडो-रशियन फ्रेंडशिप ट्यूर की शुरुआत सूरत से गए 35 सदस्यीय यात्री दल ने दो जून की तड़के मॉस्को से बीएमडबल्यू मोटोबाइक पर सवार होकर की थी। यात्री दल में शामिल प्रवासी राजस्थानी सदस्य राहुल शर्मा ने बताया मॉस्को से पौने दो सौ किलोमीटर की यात्रा तय कर सभी बाइक सवार सदस्य पहले रूस के एतिहासिक शहर ट्वेर पहुंचे। यहां महापौर ने दल का स्वागत किया। बाद में स्थानीय प्रशासन और यात्री दल सदस्य 15वीं सदी में भारत यात्रा पर आए पहले रशियन यात्री अफांसी निक्तिन की जन्मस्थली पहुंचे। उनके स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। यात्री दल के लीडर दशरथ देसाई समेत सभी ने निक्तिन के महाराष्ट्र के रेवदांडा तट पर बने स्मारक की मिट्टी समर्पित की और तिरंगा फहराया। बाद में ट्वेर शहर के प्रशासन की ओर से आयोजित समारोह में स्कूली बच्चों ने बॉलीवुड गीत गाए तो यात्री दल के सदस्य भी झूम उठे।
यूं बढ़ते रहे आगे
दो जून से आयोजित इंडो-रशियन फ्रेंडशिप ट्यूर में मित्रता का पैगाम बांटने गए सूरती बाइकर्स गुरुवार तक 1500 किलोमीटर की यात्रा तय कर पस्कॉव शहर पहुंचे। इससे पहले वह मॉस्को से पौने दो सौ किमी तय कर रशियन यात्री अफांसी निक्तिन के पैतृक शहर ट्वेर पहुंचे और वहां से साढ़े तीन सौ किमी दूर वेलिकी नोवगॉरोद, यहां से पौने तीन सौ किमी दूर सेंट पीट्सबर्ग पहुंचे थे। गुरुवार को सभी साढ़े तीन सौ किमी मोटोबाइक चलाकर सेंट पीट्सबर्ग से पस्कॉव शहर पहुंचे।
यात्रा में बने सहयोगी
इंडो-रशियन फ्रेंडशिप ट्यूर पर गए सूरती बाइकर्स दल को रूस सरकार के पर्यटन विभाग के अलावा प्रत्येक शहर के स्थानीय प्रशासन का सहयोग मिल रहा है। पर्यटन विभाग की ओर से आयोजित रंगारंग सांस्कृतिक समारोह में स्थानीय कलाकार तथा स्कूली बच्चे रूस और भारत की साझा संस्कृति की झलक दिखाकर भारत-रूस के बीच साढ़े पांच सौ साल पुरानी दोस्ती को मजबूती दे रहे हैं।
यहां भी फहराएंगे तिरंगा
यात्री दल शुक्रवार को पस्कॉव से तीन सौ किमी दूरी तय कर देरबोवेझ शहर पहुंचेगा और कई किलोमीटर में फैली झील के पास बने राष्ट्रीय पार्क के स्मारक स्थल पर तिरंगा फहराएगा। यहां से अगले दिन पौने चार सौ किमी की यात्रा तय कर सूरत सुपर बाइकर्स क्लब के सदस्य वापस मॉस्को पहुंचेंगे और दो दिन रुवहां रुककर 11 जून को मॉस्को एयरपोर्ट से मुंबई के लिए रवाना होंगे। इससे पहले रूस सरकार के विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों के साथ उनकी मुलाकात होगी।
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