script‘सुराज’ को साड़ी में बांधने की कोशिश | Tried to bind 'Suraj' in sari | Patrika News

‘सुराज’ को साड़ी में बांधने की कोशिश

locationसूरतPublished: Feb 18, 2018 12:42:43 pm

मध्यप्रदेश सरकार चुनाव से ऐन पहले आदिवासियों में बांटेगी दस लाख साडिय़ां, नोटबंदी और जीएसटी से पस्त सूरत के कपड़ा उद्योग के लिए अवसर

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विनीत शर्मा. सूरत. चुनावी वर्ष में मध्यप्रदेश सरकार साड़ी के बहाने सत्ता की वैतरणी पार करने का मन बना चुकी है। चुनाव के ऐलान से ऐन पहले राज्य में साडिय़ां बांटकर आदिवासी क्षेत्रों में सुराज पहुंचाने की तैयारी है। इसके लिए राज्य का लघु उद्योग विकास निगम दस लाख साडिय़ां खरीदने जा रहा है।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लिए यह इम्तिहान का साल है। तीन टर्म से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लंबे कार्यकाल की एंटीइनकमबेंसी के चलते उनकी साख दांव पर है। इसे साधने के लिए जहां सत्तापक्ष भाजपा पूरी ताकत झोंक रही है, सरकार के स्तर पर भी कोशिशें शुरू हो गई हैं। सत्ता पर कमजोर पड़ती पकड़ को मजबूत करने के लिए ‘शिव मामा’ हर दांव आजमा लेना चाहते हैं। लोगों तक भावनात्मक रूप से पहुंचने के लिए पिछले दिनों नर्मदा यात्रा निकाली गई। जगह-जगह घूमी इस यात्रा के बहाने मुख्यमंत्री ने लोगों से सीधे जुड़ाव का प्रयास किया था।
नर्मदा यात्रा के बाद लोगों से सीधे जुडऩे के लिए चौहान ने एक और दांव खेला है। मतदाताओं को लुभाने के लिए सरकार को चुनावी वर्ष में साडिय़ां खरीदने का खयाल आया है। साडिय़ों की खरीद का जिम्मा सरकार ने मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम को सौंपा है। मध्यप्रदेश लघु उद्योग निगम दस लाख साडिय़ां खरीदने जा रहा है। इन साडिय़ों का वितरण चुनाव से ऐन पहले आदिवासी क्षेत्रों में किया जाएगा।
जीएसटी और नोटबंदी की मार से उबरेगा उद्योग

मध्यप्रदेश सरकार के इस निर्णय से नोटबंदी और जीएसटी की मार से बेहाल टैक्सटाइल उद्योग को संजीवनी मिलना तय है। जानकारों के मुताबिक दस लाख साडिय़ों की खपत एक व्यक्ति से संभव नहीं है। इस खरीद से एक साथ कई कारोबारियों का ठप पड़ गया धंधा फिर चमक सकता है।
सूरत के बाजार के लिए अवसर

सूरत शहर देशभर में साडिय़ों के लिए पहचान बना चुका है। मध्यप्रदेश सरकार का यह निर्णय सूरत के कपड़ा उद्यमियों के लिए नए अवसर की तरह है। दस लाख साडिय़ों का ऑर्डर ठंडे पड़े बाजार में जान फूंक सकता है। कारोबारियों का मानना है कि नोटबंदी और जीएसटी से पस्त बाजार के लिए यह टेंडर ऑक्सीजन का काम करेगा। गौरतलब है कि सिंथेटिक साडिय़ों के दाम और गुणवत्ता में सूरत का मुकाबला कोई दूसरा शहर नहीं कर सकता।
कांग्रेस ने बताया राजनीतिक एजेंडा

प्रदेश में सत्ता में वापसी पर किसानों की कर्ज माफी का ऐलान कर चुकी कांग्रेस मध्यप्रदेश सरकार के इस फैसले को मतदाताओं को खरीदने की कोशिश बता रही है। मध्यप्रदेश कांग्रेस इंचार्ज दीपक बाबरिया ने कहा कि सरकार ने साड़ी खरीद का निर्णय मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए किया है। हम मतदाताओं को जागरूक करने के लिए अभियान चलाएंगे कि वे सरकार के झांसे में नहीं आएं।

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