सूरत शहर ट्रैफिक पुलिस के पास फिलहाल २५ क्रेन हैं। हाइड्रोलिक युक्त नई ४० क्रेन आने से यह संख्या ६५ हो जाएगी। इनमें से ६० क्रेन कार्यरत रहेंगी। इससे शहर के विभिन्न मुख्य मार्गों पर बाधा बनने वाले वाहनों को हटाने में मदद मिलेगी। नई क्रेन में हाइड्रोलिक सिस्टम से चार पहिया वाहन को हटाना आसान होगा। ट्रैफिक एज्युकेशन ट्रस्ट द्वारा २३ लाख रुपए के खर्च से उपलब्ध करवाई गईं हाई स्पीड मोटर साइकिलों में फ्लैश लाइट और पब्लिक एड्रेस सिस्टम लगाया गया है। इससे पुलिसकर्मियों को यातायात नियम भंग करने वालों का पीछा करने और कार्रवाई करने में मदद मिलेगी।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि नई हाइड्रोलिक ट्रैफिक क्रेन में सीसीटीवी कैमरे की सुविधा भी है। इससेे क्रेन जहां से वाहन हटाएगी, वहां वाहनों की पार्किंग की जानकारी भी मिल सकेगी। यह है टोइंग चार्ज : सहायक पुलिस आयुक्त (यातायात) जेड.ए.शेख ने बताया कि अवैध पार्किंग पर दुपहिया वाहन के लिए १८८ रुपए ५० पैसे देने होंगे। इसमें सौ रुपए दंड, ७५ रुपए टोइंग चार्ज तथा १८ प्रतिशत जीसीएटी शामिल है। चार पहिया वाहन के लिए ६९० रुपए देने होंगे। इसमें सौ रुपए दंड, ५०० रुपए टोइंग चार्ज और १८ प्रतिशत जीएसटी शामिल है।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा दो महीने पहले वडोदरा में डेढ़ लाख रुपए के साथ पकड़े गए जीपीसीबी की सूरत क्षेत्रीय इकाई के अधिकारी से पूछताछ के आधार पर मांगरोल की एक केमिकल फैक्ट्री के संचालक के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।
ब्यूरो सूत्रों के मुताबिक गुजरात प्रदूषण नियंत्रक बोर्ड की सूरत इकाई के अधिकारी आर.वी.पटेल को मांगरोल तहसील के नाना बोरसरा की मंगलमूर्ति बायो कैम प्राइवेट लिमिटेड के संचालक भरत टांक ने रिश्वत दी थी। भरत कंपनी में पेस्टीसाइड््स इंटरमीडिएट एण्ड स्पेशल्टी केमिकल यूनिट का विस्तार करना चाहता था। स्थानीय लोग इसका विरोध कर रहे थे। आर.वी.पटेल कंपनी के पक्ष में निर्णय करें, इसके लिए भरत ने उन्हें घूस दी थी। भरत ने उन्हें बोरसरा लाने के लिए सूरत से अपनी कार भेजी थी।
बोरसरा पहुंचने पर उन्हें एक लाख रुपए दिए गए। पटेल को वहां से अहमदाबाद के मूल निवास जाने के लिए भी कार मुहैया करवाई गई थी। उल्लेखनीय है कि २ नवम्बर को वडोदरा ग्रामीण भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने गुप्त सूचना के आधार पर पटेल की कार जंबुआ गांव के निकट रोकी थी। कार से ब्यूरोकर्मियों को दो लिफाफे बरामद हुए थे। मंगलमूर्ति बॉयोकैम के एक प्रिंटेड लिफाफे में एक लाख रुपए थे। उस पर पटेल का नाम लिखा था। दूसरे लिफाफे में ५० हजार रुपए थे। कार में अन्य गिफ्ट भी मिली थीं।