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राशन घोटाले में दो गिरफ्तार, पांच दिन के रिमांड पर

locationसूरतPublished: Feb 03, 2018 10:12:50 pm

क्राइम ब्रांच जुटी जांच में

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सूरत. राशन घोटाले की जांच में जुटी क्राइम ब्रांच ने उधना के दो वितरकों को गिरफ्तार कर उन्हें शनिवार को पांच दिन के रिमांड पर लिया है।


क्राइम ब्रांच के सूत्रों के मुताबिक पिछले वर्ष सरकारी राशन वितरकों द्वारा लाभार्थियों के आधारकार्ड नम्बर समेत अन्य इलेक्ट्रोनिक डेटा हासिल कर उनके कार्ड पर फर्जी राशन खरीदी दर्शाने का घोटाला सामने आया था। इस संबंध में जिला आपूर्ति विभाग की जांच में कुछ राशन वितरकों के नाम सामने आए थे। जो एक विशेष सॉफ्टवेयर की मदद से इस घोटाले को अंजाम दे रहे थे। वे ऐसे कई ग्राहकों के नाम से राशन निकाल रहे थे। जो कभी उनकी दुकान पर पहुंचे ही नहीं थे। इस संबंध में विभाग ने अलग-अलग थानों में कुल आठ वितरकों के खिलाफ मामले दर्ज करवाए गए थे। इन मामलों की जांच शहर पुलिस आयुक्त सतीश शर्मा ने क्राइम ब्रांच को सौंपी थी। क्राइम ब्रांच ने उधना हरिनगर-३ शुभ रेजिडेंसी निवासी संपतलाल शाह (जैन) एवं उधना धर्मयुग सोसायटी निवासी बाबूलाल बोरीवाल को गिरफ्तार कर शनिवार को उन्हें अदालत में पेश कर पांच दिन के रिमांड पर लिया है।

सॉफ्टवेयर के बारे में पूछताछ


क्राइम ब्रांच ने बताया कि आरोपियों ने ग्राहकों का इलेक्ट्रोनिक डेटा कहां से हासिल किया। साथ ही जिस सॉफ्टवेयर का उपयोग कर घोटाले को अंजाम दे रहे थे। वह उन्होंने कहां से हासिल किया, इस बारे में पूछताछ की जा रही है।
फर्जी दस्तावेज तैयार कर बेचा ७५ लाख का फ्लैट


सूरत. पॉश इलाके में स्थित एक फ्लैट के फर्जी दस्तावेज बना कर एक जने के साथ ७५ लाख रुपए की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। उमरा पुलिस के मुताबिक अडाजण वैभव देसाई, मोरा भागल निवासी मितेष पटेल, काजी मैदान निवासी प्रशांत राणा व वेसू निवासी अश्विन लागडिय़ा ने मिल कर घोड़दौड़ रोड हर्मेन गार्डन निवासी जीगर शाह के साथ धोखाधड़ी की। साजिश के तहत उन्होंने वेसु क्रिस्टल पैलेस ए बिल्ंिडग में स्थित भैरूलाल जैन के फ्लैट नम्बर ६०२ के फर्जी दस्तावेज तैयार करवाए। उसके बाद गत वर्ष २२ फरवरी को प्रशांत ने अपनी पहचान भैरूलाल जैन के रूप में देकर जीगर को फ्लैट दिखाया और उसके साथ ७५ लाख में फ्लैट का सौदा कर रुपए ले लिए। उन्होंने भैरूलाल के नाम पर तैयार किए गए फर्जी पहचान पत्रों का उपयोग कर जीगर को दस्तावेज भी बनाकर दे दिए। जीगर को फ्लैट का कब्जा नहीं दिया। फ्लैट का कब्जा नहीं मिलने पर जीगर ने पड़ताल की तो उसे असली भैरूलाल के बारे में पता चला और उसने शुक्रवार रात चारों के खिलाफ उमरा थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई।
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