क्राइम ब्रांच के सूत्रों के मुताबिक गांधीबाग अमर ज्योत अपार्टमेंट निवासी शातिर मोहम्मद हुसैन उर्फ मम्मू हासोटी पर जानलेवा हमले की साजिश में उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के जठवारा गांव निवासी आजाद खान पठान उर्फ अयूब खोजा (२४) और दंटेड़ा गांव निवासी उसका साथी कपिल चमार उर्फ बिपिन (२७) भी शामिल थे। हमले की साजिश लंबे हनुमान खारवा चाल निवासी अल्ताफ पटेल ने विपुल गाजीपरा से मिल कर रची थी। उनका लालू जालिम और मनीष कुकरी के गिरोहों के साथ विवाद चल रहा था। मम्मू उनके दुश्मनों का साथ दे रहा था। मम्मू को रास्ते से हटाने के लिए उन्होंने आजाद खान को छह लाख रुपए में सुपारी दी थी।
साजिश के तहत दो शूटरों ने २५ दिसम्बर को रात आठ बजे राजा ओवारा की पीरबाबा दरगाह के पास मम्मू पर हमला किया था। लालगेट थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी, लेकिन बाद में जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई।
पिछले दिनों कतारगाम क्षेत्र में हुई बीस करोड़ रुपए के हीरों की लूट के मामले में अर्जुन, उज्ज्वल दीपसिंह, शशांकसिंह और अंकित चमार के पकड़े जाने पर मम्मू पर हुई फायरिंग का भेद का भी उजागर हुआ था। पुलिस ने चारों को मम्मू की हत्या के प्रयास के मामले में भी गिरफ्तार किया था। उसके बाद नवसारी के निकट फिल्मी अंदाज में फायरिंग कर अल्ताफ को पकड़ा था।
आजाद, कपिल, विपुल और बिपिन चमार फरार थे। क्राइम ब्रांच की टीमें आजाद और कपिल की खोज में जुटी थीं। इस बीच, पुख्ता सूचना मिलने पर कपिल को मुजफ्फरनगर और आजाद खान को पुणे से गिरफ्तार कर लिया गया। बुधवार देर रात पुलिस की टीमें उन्हें सूरत ले आईं। पुलिस ने बताया कि आजाद खान मम्मू पर फायरिंग के अलावा कतारगाम में हुई बीस करोड़ रुपए के हीरों की लूट में भी शामिल था।
एलएलबी करते हुए चलाता था माफिया गिरोह
चौबीस साल का आजाद खान माफिया गिरोह चलाने के साथ पुणे में एलएलबी की पढ़ाई कर रहा था। वह उत्तरप्रदेश में गिरोह के लोगों के जरिए देशभर में सुपारी लेकर हत्या करवाने और लूट समेत अन्य आपराधिक वारदातों को अंजाम देने की गतिविधियां संचालित करता था। उत्तरप्रदेश में उसके गांव से पुणे में उसकी पढ़ाई के बारे में पता चलने पर क्राइम ब्रांच पुणे में उसकी खोज में जुटी थी।