कतारगाम सिंगणपोर रोड की हरिद्वार सोसायटी निवासी हरेश उका वरिया ने 2015 में एच.आर.पी. अर्बन कॉ.ऑ.क्रेडिट एण्ड कन्ज्यूमर्स सोसायटी लिमिटेड का सदस्य होने के नाते 25 हजार रुपए का पर्सनल लोन लिया था। उसने एक भी किस्त सोसायटी में जमा नहीं करवाई। सोसायटी की ओर से रुपयों की वसूली करने पर हरेश ने ब्याज समेत 29,701 रुपए का चेक लिखकर दिया, जो बैंक में जमा करवाने पर रिटर्न हो गया। सोसायटी की ओर से प्रबंधक हरेश बाविशी ने अधिवक्ता नरेश एच.नावडिया के जरिए हरेश वरिया के खिलाफ कोर्ट में चेक रिटर्न की शिकायत दायर करवाई थी। सुनवाई के दौरान अधिवक्ता नावडिया आरोपों को साबित करने में सफल रहे। अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने अभियुक्त हरेश वरिया को दोषी मानते हुए दो साल की कैद की सजा सुनाई और रिटर्न चेक की दुगनी राशि यानी 59,402 रुपए चुकाने का भी आदेश दिया।