सब्जी तक बेचने को मजबूर
कंस्ट्रक्शन साइट्स बंद होने के कारण बेरोजगार हुए 50 पार के ऐसे लोगों को मजदूर का काम भी नहीं मिल रहा है। ऐसे में सब्जी बेचने जैसे काम को मजबूर हैं। यहां भी इनकी मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं। संक्रमण से बचाव और सोशल डिस्टेंसिंग के नाम पर मनपा या पुलिस प्रशासन गाहे-बगाहे इनकी दिक्कतों में इजाफा कर रहे हैं। कभी पुलिस उठा देती है तो कभी मनपा की टीम सब्जी और दूसरा सामान ही उठा ले जाती है।ब्रेक के बहाने किया बाहर
कई कंपनियों ने 50 से अधिक उम्र वाले सभी कर्मचारियों को कुछ समय के लिए ब्रेक दे दिया है। इसी तरह शहर के कपड़ा और हीरा उद्योग में भी 50 से अधिक उम्र के श्रमिकों के फिलहाल नौकरी पर आने पर रोक लगा दी है। कोरोना महामारी के बाद से राज्य में हर तरफ यहीं स्थिति देखने को रही है।बेटे हैं तो चल रहा है
कोरोना से पहले कंपनी में नौकरी कर महीने में 10 से 12 हजार कमा लेता था, लेकिन अब मालिक ने कह दिया आपकी उम्र अधिक है इसलिए आप ब्रेक ले लो। चार महीने से घर पर ही हूं। यह तो ठीक है कि बेटे की नौकरी चल रही है।भिकन पाटिल, सूरत
बचत से घर चला रहा हूं
लॉकडाउन से पहले लूम चलता था। अनलॉक के बाद से कारखाना तो शुरू हुआ, लेकिन मेरी उम्र के कारण मालिक ने मना कर दिया। बेटा है जो अपने परिवार के साथ अलग रहता है। कुछ रुपए बचा रखे थे, अब काम आ रहे हैं।रमेश पटेल, सूरत
लॉकडाउन भारी पड़ गया
मलेरिया हुआ था तो अस्पताल में था। ठीक हुआ तो लॉकडाउन की वजह से मील बंद हुई और चौकीदार की जरूरत भी खत्म हो गई। उम्र हो गई तो कहीं नौकरी भी नहीं मिल रही। सब्जी का ठेला लगाता हूं तो एसएमसी और पुलिसवाले आ जाते हैं।गिरिजा प्रधान, सायण