बताया जाता पांच साल पूर्व वसीम बिल्ला जल्दी पैसा बनाने के चक्कर में समाज कंटकों के संपर्क में आया। अपनी हाइट बॉडी का उपयोग कर उसने लोगों को डराना धमकाना, जमीनों, मकानों पर कब्जा करना, व्यापारियों व बिल्डरों से रंगदारी वसूलना शुरू कर दिया। इसको लेकर उसके खिलाफ अठवा,महिधरपुरा व सलाबतपुरा में कई मामले भी दर्ज हुए थे। बोहरा समाज के एक ट्रस्ट की प्रोपर्टी किराएदारों से खाली नहीं करवाने का काम नहीं देने पर ट्रस्ट के सचिव बदरी लेसवाला को धमकी देने व उनके ड्राइवर व जानलेवा हमला करने का मामला भी दर्ज हुआ था।
इसके अलावा भरुच के एक व्यापारी से २० लाख रुपए की रंगदारी की मांग को लेकर वराछा में उस पर जानलेवा हमला किया गया था। इस मामले में भी उसकी गिरफ्तारी हुई थी। बूटलेंगर आसिफ गांडा के साथ भी विवाद हुआ था। इन मामलों में जमानत पर छूटने के बाद उसे शहर से तड़ीपार कर दिया गया था। तब से वह नवसारी में रह रहा था और जिम में काम करता था। लेकिन सूत्र बताते है कि तडीपार होने के बावजूद वह सूरत आता जाता रहता था।
न्यू सिविल अस्पताल में गुरुवार को हिस्ट्रीशीटर वसीम बिल्ला का पोस्टमॉर्टम किया गया। इस दौरान पीएम रूम के बाहर बड़ी संख्या में परिजन व परिचित मौजूद रहे। फोरेन्सिक विभाग के हेड डॉ. गणेश गोवेकर ने बताया कि शरीर में पेट, गले व हाथ पर पर गोली लगने के पांच निशान मिले है। लेकिन चार गोलियां ही चलाई गई थी। एक गोली दो जगह लगी है। दो गोलियां शरीर से पार निकल गई थी।