कंपनियों को सीइटीपी प्लांट (CETP Plant ) में ट्रीट करने के बाद ही पानी को गटर लाइन में छोडऩे की अनुमति है, लेकिन यह प्रक्रिया खर्चीली होने के कारण ज्यादातर कंपनियां बरसात के पानी की आड़ में बिना ट्रीट के ही यह पानी छोड़ देती हैं। पूर्व में कुछ कंपनियों के अंदर से बिलखाड़ी तक पाइप लाइन भी पकड़ी गई थी। इस बार भी किसी कंपनी द्वारा ऐसा किया गया है। इस मामले की जांच कर कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की मांग जिला पंचायत सदस्य ने की है।
बरसात के कारण बिलखाडी में पानी का प्रवाह बहुत तेज है। छरवाड़ा और नोटिफाइड के बीच बिलखाडी के आसपास कई सोसायटियां स्थित हैं। इसमें धर्मनंदन सोसायटी की कंपाउन्ड दीवार पानी के तेज बहाव के कारण धंस गई। इससे सोसायटी परिसर में पानी घुसने की आशंका बढ़ गई थी, लेकिन बरसात थमने से खाड़ी में पानी का जोर कम हो गया। जो राहत की बात रही।