सूरत

VAPI NEWS: जानिए किसने बढ़ाया वापी में जल प्रदूषण

केमिकल कंपनियों ने बरसात की आड़ लेकर खाड़ी में बहा दिया दूषित पानीबिलखाड़ी का पानी हुआ रंगीन(Water Of bilkhadi colored)वापी में केमिकल कंपनियों की करतूत से लोगों में नाराजगी

सूरतJul 02, 2019 / 10:15 pm

Sunil Mishra

VAPI NEWS: जानिए किसने बढ़ाया वापी में जल प्रदूषण

वापी. भारी बरसात के कारण वापी (VAPI)समेत आसपास सामान्य जीवन अस्त-व्यस्त रहा। वहीं, केमिकल कंपनियों के लिए यह स्थिति बहुत मुफीद साबित हुई। बरसात की आड़ में केमिकल कंपनियों द्वारा दूषित पानी बिना ट्रीट (Contaminated water without treatment) के ही बिलखाड़ी में छोड़ा गया। इसके कारण खाड़ी का पानी मंगलवार को नीला हो गया था।
 

बरसात बंद रहने पर केमिकल का असर देखा गया

इस बारे में जानकार लोगों ने बताया कि चार दिनों के दौरान मूसलाधार बरसात होती रही और खाड़ी में ज्यादा पानी के बीच केमिकल का रंग पता नहीं चला। मंगलवार को बरसात बंद रहने पर केमिकल का असर देखा गया। किसी कंपनी द्वारा छोड़े गए केमिकलयुक्त पानी के कारण खाड़ी का पानी नीला हो गया था। इसका पता चलने पर जिला पंचायत सदस्य एवं छरवाड़ा निवासी भाविक पटेल ने सैम्पल लेकर इसकी शिकायत गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड गांधीनगर के अलावा वापी जीपीसीबी में भी की गई है। आरोप है कि हर साल बरसात में खाड़ी के आसपास स्थित केमिकल कंपनियां दूषित पानी सीधे इसमें छोड़ देती है। इसके कारण गांव के भूजल और जमीन के लिए भी यह नुकसानदेय रहता है।
 

ट्रीट करने के बाद ही पानी को गटर लाइन में छोडऩे की अनुमति
कंपनियों को सीइटीपी प्लांट (CETP Plant ) में ट्रीट करने के बाद ही पानी को गटर लाइन में छोडऩे की अनुमति है, लेकिन यह प्रक्रिया खर्चीली होने के कारण ज्यादातर कंपनियां बरसात के पानी की आड़ में बिना ट्रीट के ही यह पानी छोड़ देती हैं। पूर्व में कुछ कंपनियों के अंदर से बिलखाड़ी तक पाइप लाइन भी पकड़ी गई थी। इस बार भी किसी कंपनी द्वारा ऐसा किया गया है। इस मामले की जांच कर कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की मांग जिला पंचायत सदस्य ने की है।
सोसायटी की दीवार धंसी
बरसात के कारण बिलखाडी में पानी का प्रवाह बहुत तेज है। छरवाड़ा और नोटिफाइड के बीच बिलखाडी के आसपास कई सोसायटियां स्थित हैं। इसमें धर्मनंदन सोसायटी की कंपाउन्ड दीवार पानी के तेज बहाव के कारण धंस गई। इससे सोसायटी परिसर में पानी घुसने की आशंका बढ़ गई थी, लेकिन बरसात थमने से खाड़ी में पानी का जोर कम हो गया। जो राहत की बात रही।
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