-रोपा पौधा, बताया महत्व ज्येष्ठ अमावस्या गुरुवार को मनाए गए वटसावित्री व्रत-पूजन के उपलक्ष में एक सोच फाउंडेशन संस्था ने वराछा क्षेत्र में बरगद-पीपल समेत अन्य पौधे रोपे हैं। इस दौरान संस्था की संस्थापक रितू राठी ने बताया कि पौराणिक मान्यता से बरगद के वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास माना गया है और वटसावित्री के समान ही कई व्रत-त्योहार बरगद व पीपल की साक्षी में मनाए जाते हैं। दोनों ही पेड़ प्रचुर मात्रा में ऑक्सीजन देते हैं। संस्था की ओर से पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन वराछा क्षेत्र स्थित वराछा को-ऑपरेटिव बैंक परिसर में किया गया। इस दौरान बंदना भट्टाचार्य, वनिता रावत, ज्योत्सना गुजराती, स्वाति सेठवाला, मनीष कापडिय़ा, पवन नावापुरा आदि मौजूद थे।
-गोकुल स्पोट्र्स क्लब ने भी रोपा पौधा वटसावित्री व्रत-पूजन के अवसर पर गुरुवार को गोकुल स्पोट्र्स क्लब की ओर से कई दिनों से जारी हरित क्रांति अभियान के अन्तर्गत बरगद के पौधे रोपे गए हैं। क्लब के लक्ष्मण प्रजापति ने बताया कि क्लब काफी दिनों से शहर के विभिन्न इलाकों में क्षेत्र की हरियाली बढ़ाने और लोगों को प्रचुर मात्रा में शुद्ध ऑक्सीजन मिले, इस उद्देश्य के साथ पौधारोपण कर रहा है। ज्येष्ठ अमावस्या को वटसावित्री व्रत-पूजन के उपलक्ष में क्लब ने बरगद व पीपल के पौधे परवत पाटिया क्षेत्र में रोपे हैं। वहीं, श्रीश्याम युवा टीम परिवार ने भी गुरुवार को राजपीपला क्षेत्र में गुमानदेव हनुमान मंदिर प्रांगण में पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया है।
-ऑनलाइन मनाया व्रत-पूजन त्योहार गुजरात प्रदेश वैश्य समाज की महिलाओं ने वटसावित्री व्रत-पूजन के निमित्त गुरुवार को ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन किया। समाज की अध्यक्ष इंद्रा ने बताया कि कोरोना महामारी को ध्यान में रखकर वटसावित्री व्रत-पूजन कार्यक्रम का ऑनलाइन आयोजन किया गया। इस दौरान महिलाओं ने घरों में ही सोलह शृंगार में सज-संवरकर वटसावित्री व्रत-पूजन के आयोजन में भाग लिया और सुखी दाम्पत्य जीवन व पति की लंबी उम्र की कामना की। इस दौरान समाज की राजकुमारी, प्रेमा, सुनीता समेत अन्य कई महिलाएं मौजूद थी।