अमरनाथ साइन बोर्ड की जमीन विवाद को लेकर 3 जुलाई, 2008 को विश्व हिंदू परिषद और बजरंगदल की ओर से भारत बंद का ऐलान किया था। इस दौरान बॉम्बे मार्केट के पास 20 से 25 बजरंग दल और वीएचपी के कार्यकर्ताओं ने राजस्थान रोडवेज की दो बसों में तोडफ़ोड़ की थी। घटना को लेकर पुलिस ने रायोटिंग का मामला दर्ज कर चार आरोपी वराछा पूणा-बॉम्बे मार्केट रोड लक्ष्मी पैलेस निवासी प्रविण विठ्ठल भालाला, वराछा अशोक वाटिका सोसायटी निवासी हितेश वजू पटेल, विक्रमनगर सोसायटी निवासी चंपक विरजी मांगरोलिया और भगीरथ सोसायटी निवासी पार्थिव भोला रबारी को गिरफ्तार कर लिया था और उनके खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट पेश की थी। मामले की सुनवाई ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट कोर्ट में चल रही थी। अभियोजन पक्ष आरोपों को साबित करने में विफल रहा। अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने संदेह का लाभ देते हुए चारों आरोपियों को निर्दोष छोड़ दिया।