विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी दिनेश काछडिय़ा का अश्लील वीडियो वायरल होने के बाद काछडिय़ा ने क्राइम ब्रांच में हनी ट्रेप और ब्लैकमेलिंग की शिकायत दर्ज करवाई थी। क्राइम ब्रांच पुलिस के मुताबिक पकड़े गए अभियुक्तों से पूछताछ में भानुशाली पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली पीडि़ता के नाम का भी खुलासा हुआ था। पुलिस ने उसे समन भेजा था, लेकिन वह पेश नहीं हुई थी। उसने जयंती भानुशाली पर बलात्कार का आरोप लगाया तो क्राइम ब्रांच पुलिस को काछडिय़ा मामले में उससे पूछताछ की याद आई।
उसे समन भेजकर क्राइम ब्रांच के समक्ष पेश होने को कहा गया था, लेकिन वह पेश नहीं हुई। पुलिस ने दोबारा समन भेजकर उसे 30 जुलाई को पेश होने को कहा। सोमवार दोपहर पीडि़ता क्राइम ब्रांच पुलिस के समक्ष पेश हुई और करीब एक घंटे तक उसके बयान दर्ज किए गए। पुलिस ने बताया कि काछडिय़ा ब्लैकमेलिंग प्रकरण में उसकी भूमिका को लेकर उससे सवाल पूछे गए। हालांकि उसने यही बताया कि इस प्रकरण से उसका कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन पुलिस अपनी ओर से इसकी जांच करेगी।
भानुशाली की अर्जी पर सुनवाई आज
जयंती भानुशाली की क्वाशिंग पिटीशन पर सोमवार को सुनवाई होनी थी, लेकिन कोर्ट ने एक दिन के लिए सुनवाई टालते हुए अब 31 जुलाई का दिन तय किया है। सूरत की युवती की ओर से जयंती भानुशाली पर बलात्कार का आरोप लगाते हुए सरथाणा थाने में शिकायत दर्ज करवाई गई है।
इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच पुलिस कर रही है। पुलिस की ओर से भानुशाली को दो बार समन भेजे जाने के बावजूद वह पेश नहीं हुआ। पुलिस उसे ढूंढ रही है। भानुशाली ने 26 जुलाई को उच्च न्यायालय में क्वॉशिंग पिटीशन दायर कर शिकायत को रद्द करने की मांग की है। अधिवक्ता जमीर शेख ने बताया कि सोमवार को उच्च न्यायालय में याचिका पर सुनवाई होनी थी, लेकिन कोर्ट ने सुनवाई एक दिन टाल दी। उधर, कोर्ट ने पीडि़ता के सीआरपीसी की धारा 164 के तहत बयान दर्ज करने के लिए पुलिस की याचिका मंजूर कर ली है। संभवत: एक-दो दिन में कोर्ट में पीडि़ता का बयान दर्ज किया जाएगा।