इन नियमों को बदलने की मांग शुरू हो गई है। इस मामले में दोनों संगठन विश्वविद्यालय में ज्ञापन देने पहुंचे। दोनों ने कुलपति को ज्ञापन सौंपा। दोनों संगठनों ने इस मामले में विवि के प्रशासनिक भवन के पास नारे लगाए। इसके बाद सोशल साइट पर दोनों संगठनों की ओर से नियमों में बदलाव किए जाने का दावा किया जा रहा है, जबकि अभी तक लॉ संकाय के नियमों में बदलाव नहीं किया गया है।
अनुदानित लॉ महाविद्यालयों में अधिक सीटों पर प्रवेश देने की मांग
वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय के सिंडीकेट सदस्य भावेश रबारी ने अनुदानित लॉ महाविद्यालयों में प्रवेश सीटे बढ़ाने की मांग की है। भावेश ने इस संदर्भ में कुलपति को ज्ञापन सौंपा है। स्वनिर्भर लॉ महाविद्यालय की फीस 40 हजार के करिब है। इस कारण अनुदानित में गरीब व मध्यम वर्ग के विद्यार्थियों को प्रवेश लेने में परेशानी होती है। इसलिए विद्यार्थियों को कामरेज, नवसारी और भरुच तक पढऩे जाना पड़ता है। अनुदानित महाविद्यालय दूर होने के कारण कई विद्यार्थी पढ़ाई छोड़ देते है। इसलिए सूरत के अनुदानित लॉ महाविद्यालय में 150 सीटों पर प्रवेश देने की मांग की गई है।
वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय के सिंडीकेट सदस्य भावेश रबारी ने अनुदानित लॉ महाविद्यालयों में प्रवेश सीटे बढ़ाने की मांग की है। भावेश ने इस संदर्भ में कुलपति को ज्ञापन सौंपा है। स्वनिर्भर लॉ महाविद्यालय की फीस 40 हजार के करिब है। इस कारण अनुदानित में गरीब व मध्यम वर्ग के विद्यार्थियों को प्रवेश लेने में परेशानी होती है। इसलिए विद्यार्थियों को कामरेज, नवसारी और भरुच तक पढऩे जाना पड़ता है। अनुदानित महाविद्यालय दूर होने के कारण कई विद्यार्थी पढ़ाई छोड़ देते है। इसलिए सूरत के अनुदानित लॉ महाविद्यालय में 150 सीटों पर प्रवेश देने की मांग की गई है।