सीटों से दावेदार ज्यादा
सूरत समेत दक्षिण गुजरात के विश्वविद्यालय संबद्ध 45 बीएससी कॉलेज हैं। इनमें 7500 से अधिक सीटें हैं। इनके मुकाबले 12वीं जीएसइबी और सीबीएससी साइंस पास करने वाले विद्यार्थियों की संख्या काफी ज्यादा है। हर साल बीएससी में प्रवेश के लिए कड़ी स्पर्धा होती है। मेडिकल और पेरा-मेडिकल में प्रवेश नहीं मिलने पर हालत और गंभीर हो जाती है। पिछले साल भी बीएससी में प्रवेश के लिए सीटों के मुकाबले कई गुना अधिक विद्यार्थी दौड़ में थे। पहली बार विकेन्द्रीय प्रवेश प्रणाली लागू होने के कारण प्रवेश के दौरान विद्यार्थियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था। इस बार समस्या न हो, इसके लिए सभी साइंस कॉलेजों को इंटरनेट सुविधा के साथ हेल्प सेंटर शुरू करने का आदेश दिया गया है। विश्वविद्यालय ने सभी सरकारी और अनुदानित कॉलेजों से उनकी सीटों की संख्या की जानकारी भी मांगी है।
सूरत समेत दक्षिण गुजरात के विश्वविद्यालय संबद्ध 45 बीएससी कॉलेज हैं। इनमें 7500 से अधिक सीटें हैं। इनके मुकाबले 12वीं जीएसइबी और सीबीएससी साइंस पास करने वाले विद्यार्थियों की संख्या काफी ज्यादा है। हर साल बीएससी में प्रवेश के लिए कड़ी स्पर्धा होती है। मेडिकल और पेरा-मेडिकल में प्रवेश नहीं मिलने पर हालत और गंभीर हो जाती है। पिछले साल भी बीएससी में प्रवेश के लिए सीटों के मुकाबले कई गुना अधिक विद्यार्थी दौड़ में थे। पहली बार विकेन्द्रीय प्रवेश प्रणाली लागू होने के कारण प्रवेश के दौरान विद्यार्थियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था। इस बार समस्या न हो, इसके लिए सभी साइंस कॉलेजों को इंटरनेट सुविधा के साथ हेल्प सेंटर शुरू करने का आदेश दिया गया है। विश्वविद्यालय ने सभी सरकारी और अनुदानित कॉलेजों से उनकी सीटों की संख्या की जानकारी भी मांगी है।