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VNSGU : आचार संहिता भंग का आरोप, कलक्टर को ज्ञापन

locationसूरतPublished: Apr 03, 2019 08:37:51 pm

विवि में सीनेट सभा में नए निर्माण कार्यों का प्रस्ताव

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VNSGU : आचार संहिता भंग का आरोप, कलक्टर को ज्ञापन

सूरत.

वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय के सिंडीकेट सदस्य ने सीनेट सभा आयोजन को लेकर आचार संहिता का भंग होने का आरोप लगाया है। मामले में कलक्टर को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की है।
इन दिनों लोकसभा चुनाव को लेकर आचार संहिता लगी हुई है। 27 मार्च को वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय में सीनेट सभा हुई थी। विश्वविद्यालय ने इसके लिए कलक्टर से अनुमति मांगी थी। कलक्टर की ओर से आचार संहिता के दिशा निर्देशों को ध्यान में रख सभा आयोजित करने की अनुमति दी गई थी। सीनेट सभा में बजट में रूटीन कार्यों के अलावा नए प्रकल्पों और योजनाओं को शामिल नहीं करने का आदेश दिया गया था। साथ ही कानून व्यवस्था का ध्यान रखने का भी निर्देश दिया गया था। सीनेट सभा के दौरान एनएसयूआइ विभिन्न मामलों को लेकर ज्ञापन देने आए थे, लेकिन कुलपति ने ज्ञापन लेने से मना कर दिया था। इसको लेकर हंगामा हो गया। सीनेट सभा में प्रवेश नहीं मिलने के कारण एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने दरवाजा तोड़ दिया। इस पर कुलपति को पुलिस बुलानी पड़ी। तब जाकर मामला शांत हुआ। सिंडीकेट और सीनेट सदस्य भावेश रबारी ने आरोप लगाया कि सभा के दौरान नए निर्माणों का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया। इसमें नए डाइंग हॉल, कम्पाउन्ड वॉल, सीनेट हॉल रिनोवेशन, परिसर में डामर रोड, बायोलोजी विभाग रिनोवेशन, नए ह्युमिनिटी विभाग का निर्माण, सिंथेटिक ट्रेक, हॉकी ग्राउण्ड, स्वीमिंग पूल, नया पुस्तकालय भवन और सुविधा केन्द्र का प्रस्ताव भी सभा में पेश किया गया। यह आचार संहिता का उल्लंघन किया गया है। इस मामले में जांच कर कड़ी कार्रवाई करने के लिए कलक्टर को ज्ञापन सौंपा गया है।
वीएनएसजीयू में हुआ आचार संहिता का उल्लंघन
चुनाव घोषित होते ही दो मामलों में विश्वविद्यालय में आचार संहिता का उल्लंघन हुआ है। पहले वीएनएसजीयू के कन्वेन्शन हॉल में नमो टेबलेट का वितरण किया जा रहा था। इसकी जानकारी मिलते ही चुनाव आयोग की टीम विश्वविद्यालय पहुंच गई और टेबलेट वितरण को बंद करवा दिया था। चुनाव आयोग ने वेबसाइट से नेताओं के फोटो हटाने का आदेश दिया था, लेकिन विश्वविद्यालय ने अपनी वेबसाइट से मुख्यमंत्री विजय रुपाणी और शिक्षामंत्री भूपेन्द्रसिंह चूड़ासमा की फोटो नहीं हटाई थी। राजस्थान पत्रिका में इस मामले को प्रकाशित करने पर विश्वविद्यालय प्रशासन हरकत में आया और मुख्यमंत्री तथा शिक्षामंत्री की फोटो को वेबसाइट से हटाकर विश्वविद्यालय के हॉकी ग्राउण्ड, सिंथेटिक ट्रेक और स्वीमिंग पूल की फोटो के साथ उसे अपडेट किया था।

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