मार्च में हुई सीनेट सभा में सीनेटर गणपत धामेलिया ने राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित खबर को लेकर बस पर प्रश्न किए। इसके जवाब में विश्वविद्यालय प्रशासन ने बताया कि बस का शैक्षणिक कार्यों में उपयोग किया जाएगा। सात विभागों की ओर से बस की मांग के बारे में भी जानकारी दी गई। सीनेटर को बताया गया कि शैक्षणिक प्रवास के लिए बस देने से पहले जरूरी कार्रवाई चल रही है। विश्वविद्यालय के जिन सात विभागों ने शैक्षणिक प्रवास के लिए बस की मांग की है, उनमें युवा कल्याण और शारीरिक शिक्षा विभाग, जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन, तुलनात्मक साहित्य, महात्मा गांधी ग्राम अभ्यास, गणित शास्त्र, शिक्षा विभाग और जीसीपीआईए विभाग शामिल हैं। इसके अलावा सूरत रेलवे स्टेशन से वीएनएसजीयू तक सुबह दो बार और शाम को दो बार बस चलाने की योजना बनाई गई है। बस के लिए ड्राइवर नियुक्त किया जाना है। बुधवार को हुई सिंडीकेट की बैठक में बस ड्राइवर की नियुक्ति का मुद्दा मुख्य एजेंडे में शामिल किया गया। इस मामले में सिंडीकेट सदस्यों ने कुलपति को फैसला करने का जिम्मा सौंपा है। कुलपति की ओर से ड्राइवर की नियुक्ति किए जाने पर धूल खा रही बस विद्यार्थियों के काम आने लगेगी।