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VNSGU : पत्रिका फॉलोअप : बस ड्राइवर की नियुक्ति का फैसला कुलपति के हाथ में

locationसूरतPublished: May 03, 2018 08:05:02 pm

सिंडीकेट ने सौंपा अधिकार, विश्वविद्यालय परिसर में धूल खा रही बस को लेकर राजस्थान पत्रिका में खबर प्रकाशित की गई थी

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सूरत.

वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए चार साल पहले खरीदी गई बस के ड्राइवर की नियुक्त का जिम्मा सिंडीकेट ने कुलपति को सौंप दिया है। विश्वविद्यालय परिसर में धूल खा रही बस को लेकर राजस्थान पत्रिका में खबर प्रकाशित की गई थी। इसके बाद विश्वविद्यालय के सात विभागों ने शैक्षणिक प्रवास के लिए बस की मांग की। मार्च में हुई सीनेट सभा में बस का मामला उठा और इसे उपयोग में लेने की गुजारिश की गई। विश्वविद्यालय ने बस के उपयोग के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं। दिन में सूरत रेलवे स्टेशन से वीएनएसजीयू तक चार बार बस चलाने की योजना भी बनाई गई है।
दक्षिण गुजरात के दूर-दूराज के क्षेत्रों के विद्यार्थी वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय आते हैं। उन्हें विश्वविद्यालय तक पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस समस्या को दूर करने के लिए चार साल पहले नवसारी सांसद सी.आर. पाटिल ने बस खरीदने के लिए अनुदान दिया था। बस तो खरीद ली गई, लेकिन चार साल से यह विश्वविद्यालय के कुलपति कार्यालय के पीछे खड़ी धूल खा रही थी। इस बारे में राजस्थान पत्रिका में खबर प्रकाशित होने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन हरकत में आया। जनवरी में हुई सिंडीकेट की बैठक में बस के मामले को मुख्य एजेंडे में शामिल किया गया था। बैठक में बस के मामले पर चर्चा हुई और सिंडीकेट सदस्यों ने बस को चलाने का रास्ता निकाला। विश्वविद्यालय परिसर में 20 से अधिक विभाग हैं। इनमें पांच हजार से अधिक विद्यार्थी पढ़ते हैं। विभागों में शैक्षणिक प्रवास का आयोजन होता रहता है। सिंडीकेट ने तय किया कि कोई विभाग शैक्षणिक प्रवास के लिए बस की गुजारिश करेगा तो उसे बस की सुविधा दी जाएगी। विश्वविद्यालय के खिलाड़ी कई बार विभिन्न प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने राज्य से बाहर जाते हैं। दक्षिण गुजरात में भी कई आंतरिक प्रतियोगिताएं होती रहती हैं। इन प्रतियोगिताओं में खिलाडिय़ों को भेजने के लिए भी इस बस के उपयोग का फैसला किया गया।
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मार्च में हुई सीनेट सभा में सीनेटर गणपत धामेलिया ने राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित खबर को लेकर बस पर प्रश्न किए। इसके जवाब में विश्वविद्यालय प्रशासन ने बताया कि बस का शैक्षणिक कार्यों में उपयोग किया जाएगा। सात विभागों की ओर से बस की मांग के बारे में भी जानकारी दी गई। सीनेटर को बताया गया कि शैक्षणिक प्रवास के लिए बस देने से पहले जरूरी कार्रवाई चल रही है। विश्वविद्यालय के जिन सात विभागों ने शैक्षणिक प्रवास के लिए बस की मांग की है, उनमें युवा कल्याण और शारीरिक शिक्षा विभाग, जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन, तुलनात्मक साहित्य, महात्मा गांधी ग्राम अभ्यास, गणित शास्त्र, शिक्षा विभाग और जीसीपीआईए विभाग शामिल हैं। इसके अलावा सूरत रेलवे स्टेशन से वीएनएसजीयू तक सुबह दो बार और शाम को दो बार बस चलाने की योजना बनाई गई है। बस के लिए ड्राइवर नियुक्त किया जाना है। बुधवार को हुई सिंडीकेट की बैठक में बस ड्राइवर की नियुक्ति का मुद्दा मुख्य एजेंडे में शामिल किया गया। इस मामले में सिंडीकेट सदस्यों ने कुलपति को फैसला करने का जिम्मा सौंपा है। कुलपति की ओर से ड्राइवर की नियुक्ति किए जाने पर धूल खा रही बस विद्यार्थियों के काम आने लगेगी।

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