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वीएनएसजीयू और निजी विश्वविद्यालय का विवाद विद्यार्थियों के भविष्य पर बना संकट

locationसूरतPublished: Jul 27, 2021 11:05:01 am

– दक्षिण गुजरात के 1 लाख 30 हजार से अधिक विद्यार्थी 9 अनुदानित महाविद्यालयों में प्रवेश को लेकर असमंजस में- 9 अनुदानित महाविद्यालयों को वीएनएसजीयू ने प्रवेश प्रक्रिया से बाहर किया, अभिभावक भी चिंता में

वीएनएसजीयू और निजी विश्वविद्यालय का विवाद विद्यार्थियों के भविष्य पर बना संकट

वीएनएसजीयू और निजी विश्वविद्यालय का विवाद विद्यार्थियों के भविष्य पर बना संकट

सूरत.
वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय और निजी विश्वविद्यालय के विवाद के चलते विद्यार्थियों के भविष्य पर संकट मंडराने लगा है। वीएनएसजीयू ने 9 अनुदानित महाविद्यालयों को प्रवेश प्रक्रिया से बाहर कर दिया है। इस कारण इसमें प्रवेश को लेकर दक्षिण गुजरात के 1 लाख 30 हजार से अधिक विद्यार्थी असमंजस की स्थिति में आ गए हैं। 9 अनुदानित महाविद्यालयों को प्रवेश प्रक्रिया से बाहर किया होने के कारण अभिभावकों की चिंता बढ़ गई है।
सूरत के सार्वजनिक एज्यूकेशन सोसायटी और वनिता विश्राम को निजी विश्वविद्यालय का दर्जा मिल गया है। इस कारण वीएनएसजीयू ने इन निजी विश्वविद्यालयों से संलग्न स्वनिर्भर महाविद्यालयों को प्रवेश प्रक्रिया से पहले ही बाहर कर दिया था। लेकिन इन निजी विश्वविद्यालयों को अंदर कई अनुदानित महाविद्यालय भी कार्यरत है। इनकी मान्यता को लेकर पिछले लंबे समय से विवाद और चर्चा चल रही है। आखिरकार वीएनएसजीयू ने इनके अंदर कार्यरत के.पी.कॉमर्स, पी.टी.साइंस, एम.टी.बी, वी.टी.चोकसी लॉ कॉलेज को प्रवेश प्रक्रिया से दूर कर दिया है। वनिता विश्राम की भी एक कॉलेज को प्रवेश प्रक्रिया से बाहर किया गया है। इस तरह सूरत से 6 और बारडोली से 3 अनुदानित महाविद्यालयों को वीएनएसजीयू ने बाहर कर दिया है। इस कारण इनमें प्रवेश को लेकर परेशानी खड़ी हुई है। प्रवेश प्रक्रिया के दौरान दक्षिण गुजरात से सभी विद्यार्थी सबसे पहले इन्हीं अनुदानित महाविद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन करते हैं। केन्द्रीय प्रवेश प्रणाली में भी विद्यार्थियों की प्रवेश सूची में इन अनुदानित महाविद्यालयों को पहली पसंद चुना जाता है। गुजरात बोर्ड और सीबीएसई बोर्ड के विद्यार्थियों की बीकॉम, बीएससी, बीबीए, बीए, बीसीए व अन्य डिग्री पाठ्यक्रम पढऩे की यह विद्यार्थियों की पहली पसंद है। दक्षिण गुजरात के 1 लाख 30 हजार से अधिक विद्यार्थियों को इसमें प्रवेश मिलता है। दक्षिण गुजरात के मुख्य अनुदानित महाविद्यालय ही वीएनएसजीयू की प्रवेश प्रक्रिया से बाहर हो गए हैं। वीएनएसजीयू और निजी विश्वविद्यालय के बीच के विवाद को लेकर यह समस्या खड़ी हुई है। इस संदर्भ में पिछले कई दिनों से विश्वविद्यालय परिसर में विरोध प्रदर्शन चल रहा है। लेकिन अभी तक इस समस्या का कोई हल नहीं आया है। इस कारण विद्यार्थी और अभिभावक दोनो ही परेशान हो रहे हैं।
– संस्थान ने भी साधी है चुप्पी
इस मामले में संस्थान में से निजी विश्वविद्यालय बनने के बाद संचालक भी चुप है। प्रवेश को लेकर किसी भी तरह की स्पष्टता नहीं की गई है। प्रवेश प्रक्रिया से मुख्य अनुदानित महाविद्यालय बाहर हो जाने पर विद्यार्थी दुविधा में है कि किसी महाविद्यालय को प्रवेश के लिए चुना जाए। भविष्य में इन महाविद्यालयों पर किस तरह का निर्णय होगा यह विद्यार्थियों की ङ्क्षचता बढ़ा रहा है। वीएनएसजीयू ने प्रवेश प्रक्रिया के बाद इन महाविद्यालयों को प्रवेश में शामिल किया तो वह इन कॉलेज में प्रवेश की दौड़ से दूर हो जाएंगे। शामिल नहीं किया तो इनमें प्रवेश के लिए अलग से विद्यार्थियों को चक्कर काटने पड़ सकते हैं। कुछ भी हो आखिरकार इस विवाद में नुकसान विद्यार्थी को ही उठाना पड़ रहा हैं।
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