सीनेटर संतुष्ट नहीं प्रश्नकाल में सभी सीनेटर तैयार बैठे थे। जिन सवालों के जवाब नहीं मिले और जिस सवाल के जवाब से सीनेटर संतुष्ट नहीं थे, वह उसके बारे में सवाल करने के मूड में थे, लेकिन प्रश्नकाल में मात्र छह प्रश्नों पर चर्चा हो पाई। सभा में सीनेटरों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर सवालों के गोलमोल जवाब देने का आरोप लगाया। कुलपति कार्यालय के बाहर मोबाइल रखवा देने, ज्ञापन देने आने पर गेट पर ताला लगा देने, सुरक्षा कर्मियों पर होने वाले खर्च, सीनेटरों के कुलपति कार्यालय में बैठे रहने, एलआईसी कमेटी, बोगस स्टडी सेंटर, शॉपिंग सेंटर में चलने वाले महाविद्यालय, कॉलेज के चुनाव, स्टूडेंट वेलफेयर, कर्मचारियों के प्रमोशन जैसे मामले भावेश रबारी ने सीनेट सभा में उठाए। इन पर चर्चा करते समय उनकी सीनेटर मनीष कापडिय़ा से बहस हो गई और नौबत तू-तू मैं-मैं तक पहुंच गई। काफी देर तक गरमागरम बहस हुई। अन्य सीनेटर भावेश से माफी मंगवाने की जिद पर अड़ गए। जैसे-तैसे मामला शांत हुआ।
प्राध्यापकों को पच्चीस हजारिया कहने पर हंगामा
सीनेटर विपुल सोमाणी ने महाविद्यालयों की ओर से हो रहे प्राध्यापकों के शोषण पर प्रश्न उठाया। सोमाणी ने अपने संबोधन में प्राध्यापकों को दस हजारिया और पच्चीस हजारिया कहा। इस पर अन्य सीनेटरों ने आपत्ति जताई और सोमाणी से अपने शब्द वापस लेने की मांग करने लगे। इस मामले को लेकर देर तक गरमागरम बहस चली।
कॉलेज पर कार्रवाई की मांग
सीनेट सभा में विपुल सोमाणी ने नर्मदा कॉलेज पर प्रश्न उठाया। उनका कहना था कि कॉलेज वीएनएसजीयू के नियमों का पालन नहीं कर रहा है। कॉलेज ने पांच लाख रुपए का जुर्माना भरकर आज भी मान्यता हासिल कर रखी है। सभी सीनेटरों ने नए शैक्षणिक सत्र में कॉलेज पर कार्रवाई की मांग की।
सीनेट सभा में विपुल सोमाणी ने नर्मदा कॉलेज पर प्रश्न उठाया। उनका कहना था कि कॉलेज वीएनएसजीयू के नियमों का पालन नहीं कर रहा है। कॉलेज ने पांच लाख रुपए का जुर्माना भरकर आज भी मान्यता हासिल कर रखी है। सभी सीनेटरों ने नए शैक्षणिक सत्र में कॉलेज पर कार्रवाई की मांग की।
बजट पर उठाए सवाल
सीनेट सभा में डॉ. राकेश देसाई ने विश्वविद्यालय का वार्षिक लेखा-जोखा प्रस्तुत किया। इसके बाद बजट प्रस्तुत किया गया। बजट पर चर्चा के दौरान सीनेटर भावेश रबारी ने कई सवाल किए। क्रिकेट ग्राउंड, कर्मचारियों के क्वॉटर्स, परीक्षा खर्च, स्वयंपाठी पाठ्यक्रम की आय, कन्वेंशन हॉल के बिजली के बिल, घास-चारे और कानूनी खर्च में हो रही वृद्धि पर सवाल किए गए। इस दौरान सीनेटर गौरांग वैद्य और भावेश के बीच गरमागरम बहस हुई।
सीनेट सभा में डॉ. राकेश देसाई ने विश्वविद्यालय का वार्षिक लेखा-जोखा प्रस्तुत किया। इसके बाद बजट प्रस्तुत किया गया। बजट पर चर्चा के दौरान सीनेटर भावेश रबारी ने कई सवाल किए। क्रिकेट ग्राउंड, कर्मचारियों के क्वॉटर्स, परीक्षा खर्च, स्वयंपाठी पाठ्यक्रम की आय, कन्वेंशन हॉल के बिजली के बिल, घास-चारे और कानूनी खर्च में हो रही वृद्धि पर सवाल किए गए। इस दौरान सीनेटर गौरांग वैद्य और भावेश के बीच गरमागरम बहस हुई।