VNSGU : कुलपति के खिलाफ सिंडीकेट के सदस्यों ने खोला मोर्चा
डिग्री को लेकर उठाए सवाल, अयोग्य होने का आरोप,
राष्ट्रपति, राज्यपाल, मुख्यमंत्री तथा शिक्षा मंत्री से शिकायत

सूरत.
वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय के सिंडीकेट सदस्यों ने कुलपति डॉ. शिवेन्द्र गुप्ता के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने कुलपति की डिग्री को लेकर सवाल उठाए हैं और उन पर अयोग्य होने का आरोप लगाते हुए राष्ट्रपति, राज्यपाल, मुख्यमंत्री तथा शिक्षा मंत्री से शिकायत की है।
सिंडीकेट सदस्य संजय देसाई, डॉ.महेन्द्र चौहाण, डॉ. घनश्याम रावल और अन्य ने कुलपति के खिलाफ शिकायत की है। सिंडीकेट सदस्यों ने आरोप लगाया कि कुलपति पद के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से बनाए गए नियमों का डॉ. शिवेन्द्र गुप्ता की नियुक्ति में पालन नहीं किया गया। सिंडीकेट सदस्यों ने कुलपति की पीएचडी पर भी सवाल खड़े किए और आरोप लगाया कि कुलपति पद के लिए असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएयट प्रोफेसर, प्रोफेसर पद के अनुभव होने चाहिए, जो डॉ.गुप्ता के पास नहीं हैं। सदस्यों ने आरोप लगाया कि पद का लाभ उठाकर गलत फैसले किए जा रहे हैं। कमेटियों के गठन में गड़बड़ी की जा रही है। सिंडीकेट सदस्य डॉ. घनश्याम रावल, डॉ.महेन्द्र चौहाण, पूर्व कुलपति डॉ.दक्षेश ठाकर और अन्य के खिलाफ जो कार्रवाई की गई है, उचित नहीं है। कुलपति और सिंडीकेट सदस्यों के बीच सिंडीकेट की बैठक से विवाद शुरू हुआ था। कुलपति की ओर से नियुक्त की गई एलआइसी का सिंडीकेट सदस्यों ने विरोध जताया था। इसको लेकर सिंडीकेट की बैठक स्थगित कर दी गई। इसके बाद कुलपति ने डॉ. घनश्याम रावल, डॉ.महेन्द्र चौहाण, पूर्व कुलपति डॉ.दक्षेश ठाकर के खिलाफ कार्रवाई की। यह मामला उच्च न्यायालय तक पहुंच गया। 8 मई को कुलपति ने सरकारी अधिकारियों की सहायता लेकर सिंडीकेट में एजेंडा पास करवा दिया। तब से मामला और गंभीर हो गया।
बीएससी प्रवेश फॉर्म तैयार होने के बाद फिर होगी प्राचार्यों की बैठक
वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय में मंगलवार को बीएससी के प्रवेश को लेकर साइंस संकाय की बैठक हुई। इसमें प्रवेश फॉर्म पर चर्चा की गई। प्रवेश फॉर्म तैयार होने के बाद सभी प्राचार्यों की फिर बैठक होगी। बैठक में प्रवेश प्रक्रिया की तिथि तय की गई। प्रवेश प्रक्रिया का शेड्यूल अगली बैठक में तय किया जाएगा।
विश्वविद्यालय में 8 मई को हुई सिंडीकेट की बैठक में पीजी और यूजी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के बारे में फैसला किया गया था। दोनों पाठ्यक्रमों में 20 साल से चल रही केंद्रीय प्रवेश प्रक्रिया को रद्द कर विकेंद्रीकृत प्रवेश प्रक्रिया लागू करने का निर्णय किया गया। मंगलवार को प्रवेश प्रक्रिया को लेकर साइंस संकाय की बैठक हुई। इसमें प्रवेश फॉर्म को लेकर चर्चा हुई। प्रवेश फॉर्म तैयार होने के बाद पुन: सभी प्राचार्यों की बैठक बुलाई जाएगी। पीजी की प्रवेश प्रक्रिया 25 मई से शुरू करने का औपचारिक निर्णय किया गया है।
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