-बदलते है बोलने के विषय
प्रत्येक चरण में संबोधन के विषय बदल जाते हैं और युवा संसद में तो विषय की जानकारी एक दिन पहले मिल पाती है। इस बार देश के सभी राज्यों के करीब 90 युवा साथी युवा संसद में भाग लिए थे और इनमें से बोलने का अवसर करीब 30 सदस्यों को ही 4-4 मिनट का मिला था। उत्तरप्रदेश की मुदिता और गुजरात की झील दोनों को वॉकल फॉर लोकल विषय संबोधन के लिए मिला था।
-इसलिए सराहा प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विट कर कहा कि मिलिए गुजरात की झील से…। यह युवा संसद महोत्सव की प्रतिभागी है और मेक इन इंडिया से जुड़े वॉकल फॉर लोकल पर इनके विचार जानिए। झील ने वॉकल फॉर लोकल में शिक्षा, व्यवसाय, कला, रोजगार, निवेश आदि को भी जोडऩे की पैरवी अपने संबोधन की थी और भारत की भौगोलिक स्थिति के मुताबिक उसे विश्व का हृदय बताया था।