सूरत महानगर पालिका ने अपनी बिजली की खपत को काफी हद तक सौर ऊर्जा से पूरा करना शुरू कर दिया है। पांच मेगावाट क्षमता के सोलर प्लांट लगाए जा चुके हैं। अब और एक मेगावाट क्षमता के प्लांट की तैयारी है। ३० जनवरी को सूरत आ रहे प्रधानमंत्री मोदी इसका उद्घाटन करेंगे।
इनमें चार मेगावाट बिजली का इस्तेमाल जल वितरण व्यवस्था के लिए आरक्षित किया गया है। चार मेगावाट के प्लांट से सालभर में करीब ५३ लाख यूनिट पैदा हो रही है, जो मनपा के हाइड्रोलिक सिस्टम पर इस्तेमाल हो रही है। इसके साथ ही मनपा ने जल वितरण की पूरी व्यवस्था सोलर आधारित कर ली है।
इसमें हो रहा इस्तेमाल
हाइड्रोलिक विभाग के शहरभर में वाटर वक्र्स, वाटर डिस्ट्रिब्यूशन सेंटर और वाटर ट्रीटमेंट प्लांट सौर ऊर्जा से संचालित हो रहे हैं। इनमें सरथाणा वाटर वक्र्स, कतारगाम वाटर वक्र्स, रांदेर वाटर वक्र्स, वराछा वाटर वक्र्स, कोसाड वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, सीमाणा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, उधना वाटर डिस्ट्रिब्यूशन स्टेशन, मगोब वाटर डिस्ट्रिब्यूशन स्टेशन समेत अन्य स्टेशन शामिल हैं।