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जलजमाव से डेंगू रोग फैलने का खतरा

locationसूरतPublished: Aug 13, 2019 09:03:06 pm

Submitted by:

Sunil Mishra

ताल-तलैयों से मच्छरों की कई प्रजातियां पैदा हो गई

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जलजमाव से डेंगू रोग फैलने का खतरा

सिलवासा. अतिवृष्टि से प्रदेश के शहर सहित गांवों में जलजमाव बढ़ गया है। जगह-जगह पानी के ताल-तलैयों से मच्छरों की कई प्रजातियां पैदा हो गई हैं। लोगों को डेंगू फैलने का खतरा सताने लगा हैं। अस्पतालों मे डेंगू के मामले पहुंच रहे हैं। गत तीन वर्षो से प्रदेश में डेंगू का संक्रमण ज्यादा बढ़ा है।
एनवीडीसीपी प्रभारी डॉक्टर एस कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग पहले से लोगों को जागृत कर रहा हैं। विभाग के कर्मचारी घर-घर जाकर डेंगू से बचाव की जानकारी देकर लोगों को जागरूक करने में लगे हैं। स्वास्थ्यकर्मी घर में रखे गमले, फ्रिज की ट्रे, वाटर टैंक, एसी, कूलर के पानी को रोजाना साफ करने की हिदायत दे रहे हैं। सोसायटियों में रखा कबाड़, खराब टायर एवं टंकिया, गड्ढों में बने ताल तलैया आदि साफ रखने के बारे में लोगों को चेताया जा रहा हैं।

डेंगू वायरस के बारे में रोचक जानकारी:-
-डेंगू वायरस के लिए उत्तरदायी एडीस नामक मच्छर साफ पानी में जीवन निर्वाह करता हैं। डेंगू वायरस से ग्रसित एडीस मच्छर से पैदा होने वाली संतति (अंडा, प्यूपा, लार्वा) में भी डेंगू के वायरस मौजूद रहते हैं।
-डेंगू ग्रसित मच्छर के सूखे अंडे में डेंगू के वायरस काफी समय तक जीवित रह सकते हैं। पानी सूखने पर अंडे में मौजूद वायरस एक वर्ष तक सुरक्षित बने रहते हैं। डेंगू ग्रसित अंडों को पानी मिलते ही डेंगू के वायरस जिंदा हो जाते हैं।
-एडिस मच्छर दिन या रोशनी में ही काटता हैं। अभी तक के अध्ययन में रात के अंधेरे में काटने वाली मच्छरों की प्रजातियों में डेंगू के वायरस नहीं मिले हैं।
-डेंगू से पीडि़त व्यक्ति को स्वस्थ ऐडिस मच्छर काटने पर वायरस खून के द्वारा उसके शरीर में पहुंच जाते हैं।
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