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हमने भी गलतियां कीं, बदले हैं हम- राहुुल

locationसूरतPublished: Nov 09, 2017 09:51:41 pm

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने जीएसटी और नोटबंदी पर व्यापारियों के साथ परामर्श में माना कि कांग्रेस ने भी सत्ता में रहते कई गलतियां कीं, जिसका खमियाजा जनता को भुगतना पड़ा। प्रदेश में यदि सत्ता में आते हैं तो आपके मन की बात सुनेंगे और व्यापक हित में काम करेंगे।

rahul gandhi

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सूरत।कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने जीएसटी और नोटबंदी पर व्यापारियों के साथ परामर्श में माना कि कांग्रेस ने भी सत्ता में रहते कई गलतियां कीं, जिसका खमियाजा जनता को भुगतना पड़ा। प्रदेश में यदि सत्ता में आते हैं तो आपके मन की बात सुनेंगे और व्यापक हित में काम करेंगे।

अडाजण स्थित संजीव कुमार ऑडिटोरियम में कारोबारियों के साथ सीधा संवाद करते हुए कहा, मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जैसा भाषण नहीं दे सकता, लेकिन आपकी बात सुन-समझ सकता हूं। केंद्र सरकार जितना फोकस बड़े उद्योगपतियों पर कर रही है, उसका १५ फीसदी भी अन्य उद्योगों पर करे तो तस्वीर बदल सकती है। देश का ५० फीसद रोजगार छोटे उद्योगों से आता है। यूपीए सरकार का फोकस भी बड़े उद्यमियों पर था। अब कांग्रेस बदल रही है, मैं भी बदला हूं। जमीन अधिग्रहण और मनरेगा पर आपने देखा होगा, मैं जहां अड़ गया वहां बदलाव हुआ।

प्रधानमंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा कि नोटबंदी कालेधन को सफेद करने के लिए की गई थी। उनके दिमाग में गलतफहमी थी कि नकदी में काम करने वाले सभी चोर हैं।
जीएसटी पर हमारी सलाह को नजरअंदाज किया गया। उनको मान लेना चाहिए कि नोटबंदी और जीएसटी में गलती हुई है। रोजगार के मुददे पर कहा कि हमें चीन से मुकाबले के लिए रोजगार पर फोकस करना होगा। जितना रोजगार हम सालभर में जनरेट कर पाते हैं, वह काम चीन दो दिन में कर देता है।

अपना घर संभालने की सलाह

संवाद के दौरान एक कारोबारी ने राहुल को कांग्रेस का घर संभालने की सलाह दी। उसने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस इस बार चुनाव हारती है तो उसकी जिम्मेदारी सीधे तौर पर कांग्रेस की है। गुटबाजी और आपस में लडऩे में ताकत जाया हो रही है। राहुल ने कहा कि इस बार स्थितियां अलग हैं। आपको लग रहा होगा कि कांग्रेस चुनाव जीतने के लिए मैदान में है। हमने अशोक गहलोत को यह जिम्मेदारी सौंपी है और बदलाव आपको दिख रहा होगा।

आत्महत्या करने जैसे हालात
एक उद्यमी ने दो साल में गड़बड़ाए कारोबार की स्थिति बयां की। उसने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी के बाद समझ नहीं आया कि कारोबार को सुधारने के लिए मुकाबला कैसे करें। हालात ऐसे बनने लगे कि दबाव से बचने के लिए आत्महत्या ही कर लें।

यह मुददे रहे खास

जीएसटी में रिफंड की मुश्किल
एग्रीकल्चर पर जीएसटी लागू, कृषि उत्पाद महंगे
अन्य राज्यों के मुकाबले गुजरात में बिजली महंगी
म्यूनिसिपल टैक्स ज्यादा और टैक्स के बाद भी रास्ते खराब, पानी भी पूरा नहीं
रोजगार सृजन में विफल रही सरकार

सूरत में २१वीं सदी का मैन्यूफेक्चरिंग सिस्टम

राहुल ने कहा कि दिनभर शहर की कई इकाइयों में घूमा। देखा कि सूरत में २१वीं सदी का मैन्यूफेक्चरिंग सिस्टम मौजूद है। सूरत के उद्यमियों को भरोसे की जरूरत है। हम इसी सिस्टम से और बेहतर दे सकते हैं।

 

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